आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) लीबिया में चार भारतीयों को अगवा कर लिया है। हालांकि बाद में उसने इनमें से दो को रिहा कर दिया। इन चारों का भारत लौटते वक्त 29 जुलाई को त्रिपोली में कथित रूप से अगवा कर लिया गया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि लीबिया में अगवा किए गए चार भारतीयों में से दो लक्ष्मीकांत और विजय कुमार की हमने सुरक्षित रिहाई करा ली है। दो अन्य की रिहाई के लिए प्रयास जारी है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि दो भारतीयों को सुरक्षित तरीके से सिर्ते विश्वविद्यालय लाया गया है और बाकी दो की रिहाई के लिए प्रयास जारी है। बहरहाल यह पता नहीं चल सका है कि कैसे उनकी रिहाई कराई गई। इससे पहले सुषमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना के बारे में बताया। इस मुलाकात में उन्होंने प्रधानमंत्री को उनकी रिहाई के लिए मंत्रालय की तरफ से उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी।

प्रवक्ता ने कहा कि दो दिन पहले 29 जुलाई को रात के करीब 11 बजे त्रिपोली में हमारे दूतावास को पता चला कि त्रिपोली और ट्यूनिश के रास्ते भारत लौट रहे चार भारतीय नागरिकों को सिर्ते से करीब 50 किलोमीटर दूर एक जांच चौकी पर हिरासत में ले लिया गया। चार भारतीय नागरिकों में से दो हैदराबाद के रहने वाले हैं, एक रायचूर का जबकि एक अन्य बंगलुरु का है। इनमें से तीन सिर्ते विश्वविद्यालय में शिक्षक हैं और एक सिर्ते विश्वविद्यालय के जुफरा शाखा में काम करता है। प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय संबंधित परिवारों से नियमित रूप से संपर्क में था और भारतीय नागरिकों की सकुशल व जल्द रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

विदेश मंत्रालय त्रिपोली में अपने दूतावास के माध्यम से घटना के ब्योरे का पता लगा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अभी तक फिरौती की मांग नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि जिस इलाके से भारतीयों को अगवा किया गया है, वह इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण में है। इस्लामिक स्टेट ने इराक और सीरिया में बड़े इलाके पर कब्जा कर रखा है और वहां खलीफा का शासन घोषित कर दिया है।

सुषमा ने कई भारतीय नर्सों के वापस यमन जाने पर चिंता जताई जहां स्थिति सामान्य नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘यमन से कई भारतीय नर्सों को बाहर निकाला गया जो फिर वापस जा रही हैं। यह चिंता की बात है। स्थिति सामान्य नहीं है और वहां हमारा दूतावास नहीं है।’

इस बीच आंध्र प्रदेश की सरकार ने सुषमा से आग्रह किया कि भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए तेजी से कदम उठाए जाएं। दिल्ली में राज्य सरकार के विशेष प्रतिनिधि के राममोहन राव ने सुषमा को लिखी चिट्ठी में कहा कि दो प्रोफेसर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के बलराम और तेलंगाना के हैदराबाद के गोपीकृष्ण सहित चार लोगों का 29 जुलाई को अपहरण किया गया और अज्ञात समूह ने उन्हें बंधक बनाया हुआ है। राव ने कहा- मैं आपसे आग्रह करता हूं कि लीबिया के त्रिपोली में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को निर्देश दें कि वे लीबिया के सरकारी अधिकारियों से बातचीत करें ताकि भारतीयों की सुरक्षित रिहाई में उनका सहयोग मिल सके।

अगवा किए गए सिर्ते विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर बलराम की पत्नी श्रीदेवी ने कहा, ‘यह खबर सुनकर मैं बहुत बेचैन हूं। वे मेरे फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं। मैं सिर्फ चाहती हूं कि मेरे पति फोन का जवाब दें, और कहें कि वे ठीक हैं। सरकार को मेरे पति की तुरंत रिहाई के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।’

मूलरूप से तेलंगाना के करीमनगर के रहने वाले बलराम का परिवार सिकंदराबाद में रहता है। श्रीदेवी ने बताया कि बलराम पिछले पांच वर्षों से लीबिया में हैं और वे हर साल हैदराबाद आते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में भारतीय दूतावास से बातचीत की है और उन्होंने फोन पर मेरे पति का लीबिया का फोन नंबर भी मांगा।

बताते चलें कि पिछले साल जुलाई में भारत सरकार ने सलाह जारी कर भारतीय नागरिकों को हिंसाग्रस्त लीबिया से चले जाने के लिए कहा था। नवीनतम घटना ऐसे समय में आई है जब 39 भारतीय इराक में लापता हैं। उन्हें पिछले वर्ष सुन्नी आतंकवादियों और सरकारी सुरक्षा बलों के बीच लड़ाई के दौरान बंधक बनाया गया था और उनकी रिहाई की कोशिशें अभी तक कामयाब नहीं हो पाई हैं।