दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को राजधानी में 1100 पेड़ कटने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिग हलफनामा दायर करना होगा। असल में सुप्रीम कोर्ट ने एलजी से कई सवाल पूछे हैं, सवाल पेड़ कटने से जुड़े हैं, इस बात का गुस्सा भी है कि उनके आदेशों के बावजूद उन इलाकों में कटाई हुई है जहां उसकी इजाजत नहीं थी। सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने सभी पक्षों से उनकी सफाई मांगी और फिर एलजी को ही हलफनामा दायर करने को कहा गया।

आखिर एलजी सक्सेना से क्यों नाराज सुप्रीम कोर्ट?

जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही है जिसका नेतृत्व सीजेआई चंद्रचूड़ द्वारा ही किया जा रहा है। अब हलफनामा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एलजी को इसलिए कहा गया है क्योंकि वर्तमान में वे डीडीए के चेयरपर्सन हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हमे डीडीए से सारी जानकारी चाहिए, मिस्टर सक्सेना को खुद जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अदालत ने कई सवाल भी एलजी से पूछने का काम किया है।

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कोर्ट के सक्सेना से तीखे सवाल

कोर्ट ने पूछा कि क्या डीडीए अधिकारियों ने फरवरी 3 को एलजी के दौरे के दौरान उन्हें इस बात की जानकारी दी थी कि पेड़ काटने से पहले सुप्रीम कोर्ट की इजाजत चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ था तो कब और कितने टाइम बाद ऐसी जानकारी एलजी को मिली। इसके बाद सख्त लहजे में अदालत ने पूछा कि क्या आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एलजी ने कोई एक्शन लिया। अभी के लिए अदालत ने 22 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम एलजी को दे दिया है, दो टूक कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए।

पेड़ कटाई मामले में राजनीति

वैसे इस मामले में कोर्ट ज्यादा नाराज इसलिए रहा क्योंकि डीडीए ने जब उनसे पेड़ काटने की इजाजत मांगी थी, तब तक कई पेड़ पहले ही गिराए जा चुके थे। इसी वजह से मार्च चार को पेड़ काटने की इजाजत नहीं दी गई थी। अभी के लिए इस मामले में राजनीति भी चरम पर चल रही है, दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का आरोप तो एलजी पर है कि उनके आदेश पर ही राजधानी में 1100 पेड़ काट दिए गए।