बॉलीवुड ‘शो मैन’ राज कपूर का पाकिस्तान में जिस हवेली में जन्म हुआ था, उसे अब ढहाया जा रहा है। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ रिपोर्ट के मुताबिक, पुरातत्व निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ढाकी मुन्नवर शाह इलाके में स्थित ऐतिहासिक इमारत को बचाने की आखिरी कोशिश की, लेकिन उनकी यह कोशिश नाकाम रही। दूसरी ओर राज कूपर के बेटे और एक्टर ऋषि कपूर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार इस हवेली को ढहाना चाहती है तो उसे ढहाने दो। कपूर परिवार को इस हवेली से कोई भावनात्मक लगाव नहीं है। ऋषि कपूर ने कहा, ‘यह पाकिस्तान सरकार का फैसला है और वह ऐसा करने को स्वतंत्र है। उन्होंने कहा, ‘मुझे पक्का यकीन नहीं है कि इस हवेली को पृथ्वीराज कपूर ने खरीदा था या फिर किराए पर लिया था। इसकी वजह यह है कि उस वक्त हवेली खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं रहे होंगे। ऐसे में मुझे नहीं लगता है कि कपूर परिवार के किसी सदस्य को इससे कोई परेशानी होगी।’ ऋषि कपूर ने बताया, ‘हम लोग विभाजन से पहले भारत आ गए थे और इसके बाद हमने कभी उस हवेली को नहीं देखा। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि क्यों कुछ लोगों को हवेली ढहाने पर आपत्ति है, जबकि हमें तो कोई दिक्कत नहीं है? हम तीनों भाई वहां कभी नहीं रहे, तो फिर किसी को भला आपत्ति क्यों है?’
‘डॉन’ के मुताबिक, अधिकारियों के पहुंचने तक 98 साल पुरानी चार मंजिला इमारत ‘कपूर हवेली’ की ऊपरी मंजिल को ढहा दिया गया था। उन्होंने बताया कि शेष इमारत भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। खबर पख्तूनख्वा सरकार ने इससे पूर्व पेशावर में जन्मे राज कपूर और दिलीप कपूर के घरों को ऐतिहासिक धरोहर घोषित करते हुए उन्हें बचाने की घोषणा की थी। अधिकारियों ने डॉन को बताया कि शनिवार सुबह उन्हें हवेली को ढहाए जाने की सूचना मिली और उन्होंने इसे ढहाने से रोकने के लिए पुलिस की मदद मांगी। उन्होंने शिकायत की कि हवेली को ढहाने से रोकने की जगह पुलिस अधिकारी औपचारिकताओं में ही लगे रहे और उन्होंने एक लिखित आवेदन की मांग की।
एक अधिकारी ने कहा, “काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मी हमारे साथ घटनास्थल पर पहुंचे और हवेली ढहाने की कार्रवाई रोकी गई।” समाचार पत्र के मुताबिक, पुरातत्व निदेशालय हवेली के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, हवेली के मौजूदा मालिक ने कहा कि उसकी हालत जर्जर थी और वह कभी भी गिर सकती थी, इसलिए उसके पास मकान को गिराने का नगर निगम का नोटिस था। हालांकि अधिकारियों ने कहा, ‘हवेली को और हानि न पहुंचे, इसकी हम पूरी निगरानी रखेंगे।’
स्थानीय पार्षद मियां जुल्फिकार ने ‘डॉन’ को बताया कि इलाके के निवासी प्रशासन को चेतावनी देते रहे थे कि इमारत की हालत जर्जर है और इससे उनकी जिंदगी को खतरा है। उन्होंने कहा कि अगर वह एक ऐतिहासिक इमारत थी तो बाद में कार्रवाई करने के स्थान पर निदेशालय को पहले ही उसकी देखभाल करनी चाहिए थी। ‘सरहद कंजर्वेशन नेटवर्क’ का कहना है कि हवेली ढहाने की कार्रवाई से पेशावर के इतिहास प्रेमी और लोग स्तब्ध हैं और अगर सरकार ने उसे बचाने के लिए शीघ्र कदम नहीं उठाए तो यह इमारत एक इतिहास की बात हो जाएगी।