Haryana BJP MLA Minister High Court Case: क्या हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार किसी मुश्किल में फंसने जा रही है। यह सवाल खड़ा होने के पीछे वजह यह है कि हरियाणा के 23 विधायकों की जीत को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसमें 18 विधायक बीजेपी के हैं। इनमें से चार विधायक तो सैनी सरकार में मंत्री हैं।

इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों की जीत को भी अदालत में चुनौती दी गई है। इन विधायकों और मंत्रियों के चुनाव को अवैध घोषित करने की मांग को लेकर अदालत में याचिका दायर की गई है।

बताना होगा कि बीते साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा में बड़ी जीत दर्ज करते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाई थी।

Delhi Elections 2025: यूपी के डिप्टी CM बृजेश पाठक को दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP ने क्यों दी बड़ी जिम्मेदारी?

ये हैं बीजेपी के मंत्री-विधायक

बीजेपी के जिन मंत्रियों के चुनाव को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है, उनमें आरती सिंह राव (अटेली), विपुल गोयल (फरीदाबाद), महिपाल सिंह ढांडा (पानीपत ग्रामीण) और गौरव गौतम (पलवल) शामिल हैं। इसके अलावा उचाना के विधायक देवेंद्र अत्री, बड़खल के विधायक धनेश अदलखा, होडल के बीजेपी विधायक हरिंदर सिंह, नलवा के विधायक रणबीर पनिहार, फरीदाबाद एनआईटी के विधायक सतीश कुमार फागना, दादरी के विधायक सुनील सांगवान, बावल के विधायक कृष्ण कुमार रंगा, राई की विधायक कृष्णा गहलावत, नीलोखेड़ी के विधायक भगवान दास कबीर पंथी, इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप, सोनीपत के विधायक निखिल मदान, सफीदों के विधायक रामकुमार गौतम, खरखौदा के विधायक पवन खरखौदा के खिलाफ अदालत में याचिकाएं दायर की गई हैं।

कांग्रेस के इन विधायकों के चुनाव को दी चुनौती

कांग्रेस विधायकों में थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा, पंचकूला से कांग्रेस के विधायक चंद्र मोहन बिश्नोई, लोहारू से कांग्रेस के विधायक राजवीर फरटिया का नाम शामिल है। बहादुरगढ़ के निर्दलीय विधायक राजेश जून और डबवाली से इनेलो के विधायक आदित्य देवीलाल के चुनाव को अवैध घोषित करने की मांग भी अदालत से की गई है।

Mohan Lal Badoli: हरियाणा BJP अध्यक्ष पर रेप के आरोप के बाद असमंजस में पार्टी, क्या बड़ौली पर होगी कार्रवाई?

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 48, कांग्रेस को 37, इंडियन नेशनल लोकदल को दो सीटों पर जीत मिली थी और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते थे। निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था।

इन याचिकाओं में से कुछ पर सुनवाई शुरू हो चुकी है और अधिकतर याचिकाओं पर फरवरी में सुनवाई होनी है। देखना होगा कि क्या अदालत से आने वाला फैसला हरियाणा की बीजेपी सरकार के लिए किसी तरह की मुश्किल खड़ी करेगा या बीजेपी के विधायकों और मंत्रियों को हाईकोर्ट से राहत मिलेगी?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP के बजाय कांग्रेस को लेकर ज्यादा अलर्ट क्यों है AAP?। क्लिक कर पढ़िए पूरी खबर।