Earthquake : गुरुवार(5 जनवरी 2023) को अफगानिस्तान (Afghanistan) के हिंदू कुश क्षेत्र में 5.9 तीव्रता के भूकंप के बाद नई दिल्ली (New Delhi) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अन्य क्षेत्रों में झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप (Earthquake) के झटके इस्लामाबाद (Islamabad) और लाहौर में भी महसूस किए गए हैं। हालांकि ताजा जानकारी के मुताबिक अभी तक किसी नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
इससे पहले 1 जनवरी और 12 नवंबर को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
अफगानिस्तान का फैजाबाद था केंद्र
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने ट्वीट किया कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 79 किमी दक्षिण में स्थित था। दिल्ली कई इलाकों में भूकंप के यह झटके महसूस किए गए हैं।
हफ्ते में दूसरी बार महसूस किए गए हैं भूकंप के झटके
राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में हफ्ते में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अफगानिस्तान के फैजाबाद में आए इस भूकंप की तीव्रता 5.9 दर्ज की गयी है। भूकंप पृथ्वी की सतह से 200 किलोमीटर नीचे की गहराई में था। रात करीब 8 बजे यह झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, इससे पहले रविवार (नए साल की रात) तड़के दिल्ली-एनसीआर में रिक्टर पैमाने पर 3.8 तीव्रता का भूकंप आया था। NCS देश में भूकंप गतिविधि की निगरानी के लिए भारत सरकार की नोडल एजेंसी है।
जम्मू-कश्मीर में भी महसूस हुए झटके
भूकंप पर नजर रखने वाले अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने कहा कि भूकंप भारत, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान में महसूस किया गया। भूकंप के झटके कश्मीर घाटी में भी महसूस किए गए हैं। इस हफ्ते 12 नवंबर को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। एनसीएस के मुताबिक 12 नवंबर को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.4 थी जो नेपाल में शाम करीब 7:57 बजे आई थी।
भूकंप क्यों आता है
भूकंप आने की वजह को लेकर कहा जाता है कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। ऐसे में जहां प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं। जब इन पर ज्यादा दबाव बनता है तो यही प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता तलाशती है। इस डिस्टर्बेंस के कारण भूकंप आता है।
इन्हें टेक्टॉनिक प्लेट कहते हैं। इसके कारण भूकंप के अलावा ज्वालामुखी विस्फोट की आशंका भी रहती है। मालूम हो कि प्रशांत महासगरीय क्षेत्र के अलावा हिंद महासगर के कुछ क्षेत्र भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माने जाते हैं।