महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरसालवाड़ी गांव में बुधवार की देर रात आए भूस्खलन में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। बचाव कार्य की देखरेख कर रहे अफसरों के मुताबिक अभी तक बचाव एवं तलाशी अभियान मैन्युअल रूप से चलाया जा रहा है। बचाव अभियान के लिए दो हेलीकॉप्टर तैयार रखे गए हैं, लेकिन मौसम साफ होने तक वे उड़ान नहीं भर सकते। इरसालवाड़ी गांव एक जनजाति क्षेत्र है। यह पक्की सड़क से काफी दूर है। मुख्य सड़क से गांव तक पहुंचने में कम से कम डेढ़ घंटे लगते हैं। मुंबई-पुणे हाईवे पर चौक गांव सबसे पास का कस्बा है।
जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए पांच लाख राहत राशि का ऐलान
गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य में प्रतिकूल मौसम और कठिन भौगोलिक स्थिति से दिक्कत आ रही है। मुख्यमंत्री ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के निकट संबंधियों को पांच लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है।
सीएम ने कहा कि घटनास्थल भूस्खलन संभावित क्षेत्र की सूची में नहीं था
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यह गांव भूस्खलन संभावित गांवों की लिस्ट में नहीं था।” उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता अब भी मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालना है।” अब तक 75 लोगों को बचाया जा चुका है, लेकिन कई लोगों के अब भी फंसे होने की आशंका है। 21 लोगों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया है।
अफसरों के मुताबिक गांव में 50 घर हैं, जिसमें से 17 भूस्खलन में दब गये हैं। गुरुवार को बचाव कार्य का जायजा लेने पहुंचे राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि खोज और बचाव कर्मियों को क्षेत्र के कठिन पहाड़ी इलाके के कारण बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जहां भारी उपकरण नहीं ले जाया जा सकता है। एनडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियां वहां पर बचाव कार्य में जुटी हैं।
मौके पर 150 मजदूरों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है। पांच सौ अतिरिक्त मजदूरों को भेजा गया है। एनडीआरएफ कर्मियों ने भूस्खलन स्थल से एक शव बरामद किया, जबकि चार शव पहले बचाव दल ने बरामद किए थे।