दादरी की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद महागठबंधन के नेताओं ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके द्वारा घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जाना बहुत ही ‘‘कम और विलंब से’’ उठाया गया कदम है।
राजद नेता लालू प्रसाद ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, ‘‘यह किस तरह की चुप्पी तोड़ना है? ….यह उसी तरह है जैसे पहले किसी को पीटना और फिर सॉरी बोलना। इसके कोई मायने नहीं हैं।’’ उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘भाजपा, आरएसएस और मोदी एक जैसे हैं। वे शाम को कुछ बोलते हैं और सुबह पलट जाते हैं।’’
लालू की यह प्रतिक्रिया मोदी के बांग्ला दैनिक आनंद बाजार पत्रिका में छपे उनके उस इंटरव्यू के बाद आयी है, जिसमें उन्होंने विपक्ष पर मिथ्या धर्मनिरपेक्षता को अपनाने और ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और साथ ही दादरी हत्याकांड तथा मुंबई में गुलाम अली का कंसर्ट रद्द होने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया लेकिन यह भी कहा कि उनकी सरकार का इन घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है।
जदयू नेता शरद यादव ने भी प्रधानमंत्री की विलंब से की गई उनकी टिप्पणी के लिए आलोचना करते हुए कहा कि वह क्रिकेट टीम की जीत पर बधाई देने में तत्पर रहते हैं लेकिन दादरी की घटना पर उनकी प्रतिक्रिया काफी विलंब से आयी है। उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना के तत्काल बाद उनकी प्रतिक्रिया आनी चाहिए थी लेकिन यह काफी देर से आयी है।
कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा कि मोदी और भाजपा की कथनी और करनी में काफी अंतर है।‘हम’ प्रमुख जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने मोदी के खिलाफ प्रतिकूल टिप्प्णियां करने के लिए लालू प्रसाद और महागठबंधन को आड़े हाथों लिया।
कुशवाहा ने कहा कि कानून और व्यवस्था को बनाये रखना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। दादरी में, उत्तर प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रही परिणामस्वरूप दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मांझी ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष गठबंधन के नेता मोदी की अनावश्यक आलोचना कर रहे हैं।
इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार आज शाम समाप्त हो गया। 16 अक्तूबर को होने वाले दूसरे चरण के चुनाव में 32 सीटों पर वोट डाले जायेंगे। ये सीटें नक्सल प्रभावित छह जिलों जहानाबाद, अरवल, गया, रोहतास, कैमूर और औरंगाबाद में हैं।