राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण नीति की समीक्षा करने संबंधी बयान पर चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए सवाल किया कि क्या वे संघ के इस विचार से सहमत हैं।

जदयू के राज्यसभा सदस्य और प्रवक्ता पवन वर्मा तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के साथ यहां लालू ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा ‘‘आरक्षण नीति पर आप (मोदी) चुप क्यों हैं। अगर आप भागवत के नजरिये का समर्थन करते हैं तो बोलें या फिर उन्हें बाहर करें।’’

हिंदुओं द्वारा भी गौमांस का सेवन किए जाने संबंधी कथित बयान को लेकर राजग के निशाने पर आए लालू ने आरक्षण का मुद्दा उठा कर मोदी को बचाव की मु्द्रा में लाने का प्रयास किया।

लालू ने रोजगार में आरक्षण के खिलाफ भगवा विचारधारा वाले संगठन के नजरिये को जाहिर करने के लिए आरएसएस के संस्थापक एम एस गोलवलकर की पुस्तक ‘बन्च ऑफ थॉट्स’ भी दिखाई।

उन्होंने नरेंद मोदी और मोहन भागवत को दलित और पिछड़ी जाति विरोधी बताते हुए मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ‘कर्मयोगी’ को दिखायी जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा है कि दलित खुश हो कर मैला ढोते हैं।

लालू ने दावा किया कि मोदी ने अपनी पुस्तक में कहा है कि ‘‘दलित उन मानसिक तौर पर कमजोर बच्चों की तरह हैं जिनका विशेष ध्यान रखे जाने की जरूरत है।’’

गौमांस संबंधी अपनी कथित टिप्पणी पर कुछ भी कहने से बचते हुए लालू ने कहा कि ये बेतुकी चीजें हैं क्योंकि वह गाय की पूजा और उसका आदर करते हैं।