लालू यादव ससुराल पहुंचते ही पूरी तरह से मजाकिया अंदाज में आ गए। राबड़ी देवी के कहने पर भी गाड़ी से नहीं उतरे। जबकि कार में बैठी राबड़ी देवी और उनके पुत्र तेज प्रताप यादव कार से उतर गये।

उन्‍होंने अपनी पत्‍नी राबड़ी देवी से कहा कि जब तक कोई साला नहीं आएगा रिसीव करने के लिए तब तक गाड़ी से नहीं उतरेंगे। गांव के दामाद के रूठने की खबर मिलते ही गांव के लोगों के साथ ही चचेरे साले रामाकांत यादव और बड़े साले प्रभुनाथ यादव लालू प्रसाद के मान मनौव्‍वल के लिए दौड़ पड़े। फिर लालू मान गये और गाड़ी से उतरे।

लालू यादव 7 वर्ष बाद मंगलवार को अपने गांव फुलवड़िया पहुंचे थे। इसके बाद अपने गांव से पत्‍नी के साथ 10 वर्ष बाद सेलार कला गांव अपनी ससुराल पहुंचे। गांव में पहुंचते ही दामाद लालू यादव और बेटी राबड़ी देवी को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लालू यादव अपने ससुर शिव प्रसाद चौधरी और सास महराजो देवी के निधन पर भी ससुराल नहीं आ पाए थे। ससुराल में ग्रामीणों के स्‍वागत से लालू यादव काफी खुश दिखे।