भाजपा ने शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बचाव किया और ललित मोदी विवाद में राजे या विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे से इनकार किया। वहीं कांग्रेस ने उनके पद न छोड़ने पर संसद के मॉनसून सत्र को बाधित करने की धमकी दी।

भाजपा का बचाव ऐसे समय आया है जब राजे ने पंजाब के आनंदपुर साहिब की अपनी यात्रा रद्द कर दी जहां उनकी मुलाकात पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से होती। आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के ब्रिटेन में आव्रजन आवेदन का समर्थन करने की खबरों के बाद राजे मुश्किलों का सामना कर रही हैं।

दागी ललित मोदी को ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज हासिल कराने में मदद की खबरों के बाद रविवार को पैदा हुए विवाद में भाजपा ने सुषमा स्वराज का यह कहकर बचाव किया था कि उन्होंने मानवीय आधार पर यह मदद की थी। लेकिन पिछले दो दिनों में पार्टी ने राजे का कोई बचाव नहीं किया ।

अपने हमले को नए स्तर तक पहुंचाते हुए कांग्रेस ने ललित मोदी, प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष, सुषमा और राजे के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया और कहा कि सरकार के पास खुद को और संसद सत्र को बचाने का एकमात्र रास्ता दोनों महिला नेताओं को उनके पदों से हटाना है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि योग दिवस और ललितासन के बाद प्रधानमंत्री कोई ठोस कार्रवाई करेंगे’। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं है’।

भाजपा ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस ब्रीफिंग में अपने प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को उतारा जहां उन्होंने दोनों नेताओं के इस्तीफे की मांगों को खारिज किया। इस बारे में पार्टी की रणनीति गुरुवार रात गृह मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह की प्रधानमंत्री के साथ हुई अलग-अलग बैठकों के बाद बनी हो सकती है। इन सवालों पर कि क्या सुषमा या राजे के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी, प्रवक्ता ने कहा, ‘सवाल काल्पनिक है, उसका कोई तकनीकी या कानूनी आधार नहीं है जिससे कि आप कह सकें कि अनियमितता का कोई बिंदु है’।

त्रिवेदी ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सुषमा के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट कर चुका है, राजे के खिलाफ आए दस्तावेज अभी साबित नहीं हुए हैं। उन्होंने ललित मोदी विवाद में दोनों नेताओं पर भ्रष्टाचार या अनियमितता के आरोपों को खारिज किया और इन्हें विपक्ष का बिना किसी आधार का उठाया गया हास्यास्पद सवाल करार दिया ।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पहले ही यह स्पष्ट किया जा चुका है कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। विपक्ष अपने राजनीतिक फायदे के लिए राई को पहाड़ बना रहा है’। यह पूछे जाने पर कि पार्टी ने राजे के बचाव में आगे आने में इतना समय क्यों लगाया, उन्होंने कहा कि मीडिया के उठाए गए सवाल काल्पनिक थे।

त्रिवेदी ने कहा, ‘कोई मांग करने से पहले, यह देखा जाना चाहिए कि क्या मांग वास्तविक है। क्या कोई गलत चीज या भ्रष्टाचार हुआ है। ठोस सबूत के अभाव में इस तरह की मांग करना सही नहीं है और यह आधारहीन है’।

उन्होंने कहा कि राजे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को स्पष्ट कर चुकी हैं। पार्टी और उनके बीच लगातार बातचीत हो रही है। उन्होंने हालांकि, राजे के खिलाफ किसी आंतरिक या किसी अन्य जांच की मांग को खारिज किया।

पार्टी ने राजे के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह का भी बचाव किया और कहा कि जहां तक ललित मोदी के साथ उनकी कंपनी के लेनदेन की बात है तो वे पारदर्शी हैं। राजस्थान भाजपा ने भी दुष्यंत सिंह का मजबूती से बचाव किया। त्रिवेदी ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है और तथ्यों का उल्लेख दुष्यंत सिंह के आयकर रिटर्न्स और लोकसभा चुनाव से पहले दायर उनके हलफनामे में भी है। प्रवर्तन निदेशालय को धनशोधन सहित कई मामलों में वांछित ललित मोदी लंदन में रह रहे हैं और पूछताछ का सामना करने भारत नहीं आए हैं।

केंद्रीय नेतृत्व के बाद प्रदेश नेतृत्व ने भी वसुंधरा राजे के बेटे सांसद दुष्यंत सिंह पर लगे आरोपों को निराधार करार दिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी और संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने शाम को साझा प्रेस कांफ्रेंस कर पुरजोर तरीके से वसुंधरा राजे का पक्ष लिया। दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री के सांसद बेटे दुष्यंत सिंह पर लगे आरोपों को भी निराधार बताया। उन्होंने दुष्यंत सिंह और ललित मोदी की कंपनी के साथ किए गए तमाम वित्तीय लेनदेन को सही करार दिया।

ललितासन के बाद कार्रवाई करें मोदी
कांग्रेस ने ललित मोदी, प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष, सुषमा और राजे के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया और कहा कि सरकार के पास खुद को और संसद सत्र को बचाने का एकमात्र रास्ता दोनों महिला नेताओं को उनके पदों से हटाना है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि योग दिवस और ललितासन के बाद प्रधानमंत्री कोई ठोस कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं है’।
ललित को भारत लाने की कोशिश क्यों नहीं?
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने दिल्ली में कहा – राष्ट्रपति के खिलाफ आरोप निंदाजनक है। सरकार उन्हें (ललित) वापस लाने के लिए क्या कर रही है। उनके खिलाफ रेड कारनर नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया? आखिर सरकार ललित मोदी के पासपोर्ट को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई। उन्होंने कहा कि कल तक ललित मोदी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को निशाना बना रहे थे और अब उन्होंने अपना निशाना राष्ट्रपति की ओर कर दिया है।