लक्षद्वीप में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार नए-नए प्रयोग कर रही है। इस क्रम में सरकार द्वारा पराली नाम की एक वेसल सर्विस शुरू की गई है। सरकार द्वारा शुरू की गई इस हाई स्पीड वेसल सर्विस की सुविधा से लक्षद्वीप जाने और आने में अब केवल 7 घंटे लग रहे हैं। गुरुवार को पराली की सुविधा से यात्री 13 घंटे की बजाय 7 घंटे में ही लक्षद्वीप से मंगलुरु के पुराने बंदरगाह तक पहुंच गए।

160 यात्रियों के पहले बैच ने लक्षद्वीप से मंगलुरु तक यात्रा की। यात्रा के बाद सभी यात्रियों ने एजेंसी से बात की। इस दौरान उन लोगों ने बताया कि यह एक अलग अनुभव था। ये नया जहाज पहले के जहाजों की तुलना में अधिक सुविधाजनक है, साथ ही कनेक्टिविटी भी हाईस्पीड की है। जिसकी मदद से यात्री 5 घंटे पहले ही पहुंच गए।

लक्षद्वीप पर्यटन विकास प्राधिकरण को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के तहत डेवलप किया गया जा रहा है। इसके तहत मंगलोर-लक्षद्वीप पर्यटन लाइनर सेवा शुरू करने के लिए तैयारी चल रही है। जिसके लिए पहले ट्रायल लेगा और फिर सेवा शुरू की जाएगी। हालांकि मानसून उग्र होने के बाद समुद्र कितना उग्र होगा इसपर अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। जबकि अधिकारियों का कहना है कि एलआईटीडीए ने कदमत में रिसेप्शन प्वाइंट पर पहले से ही सुविधाएं बढ़ा रखी हैं।

पीएम मोदी ने साल की शुरुआत में की थी लक्षद्वीप की यात्रा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे। जिसके बाद से ही केंद्र सरकार लक्षद्वीप के कनेक्टिविटी को लेकर तेजी से कार्य कर रहा है। कोच्चि और मंगलुरु के बीच कनेक्टिविटी में सुधार को लेकर कई कदम भी उठाए गए हैं। वहीं अधिकारियों की मानें तो ये पहला कदम है जब लक्षद्वीप के लोगों के लिए इको पर्यटन, शैक्षिक, स्वास्थ्य और मनोरंजन पर्यटन सहित कई प्रकार के टूरिज्म के लिए मंगलुरु पहुंचना आसान हो जाएगा।

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मालदीव विवाद के बाद लक्षद्वीप की ओर बढ़ा पर्यटकों का रुझान

पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद जहां केंद्र सरकार वहां के पर्यटन के विकास में लग गई, वहीं मालदीव के मंत्री का भारत को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद भारतीय पर्यटकों ने भी मालदीव जगह भारतीय टूरिस्ट प्लेट लक्षद्वीप को बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरू किया। वहीं भारत सरकार ने लक्षद्वीप में और भी कई सुविधाओं के विकास को लेकर प्रयास किए हैं।