लखीमपुर हिंसा मामले में कुल 8 लोगों की जान गई, जिसमें 4 किसान, तीन भाजपा कार्यकर्ता और एक पत्रकार की मौत हुई है। इस मामले में जहां विपक्षी दलों के नेता किसानों घर जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर चुके हैं तो वहीं बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक मारे गए भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम मिश्रा के परिवार से मिलकर उन्हें हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।
हालांकि लखीमपुर हिंसा में मारे गए उसी क्षेत्र के बाकी चार अन्य लोगों के परिवारों से वो नहीं मिले। जिसमें नछत्तर सिंह और लवप्रीत सिंह, भाजपा कार्यकर्ता श्याम सुंदर निषाद और पत्रकार रमन कश्यप शामिल हैं। बता दें कि इसमें मारे गए दो अन्य किसान, गुरविंदर सिंह और दिलजीत सिंह, पड़ोसी जिले बहराइच जिले से थे।
बृजेश पाठक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, “स्थिति सामान्य होने पर मैं निषाद और कश्यप के परिवारों से भी मिलूंगा, क्योंकि वे उस जगह के करीब रहते हैं जहां घटना हुई थी।” वहीं किसानों के परिवारों से मिलने को लेकर मंत्री ने कहा कि “हालात ठीक होने पर” वो मारे गए किसानों के परिवारों के साथ बातचीत करेंगे।
हालांकि मंत्री के इस दौरे को लेकर विपक्षी दलों ने निशाना साधते हुए इसे “ध्यान हटाने की कोशिश” बताया है। वहीं भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि “मारे गए किसानों के परिवारों से बीजेपी के किसी मंत्री का मिलना जल्दबाजी होगी”। उन्होंने कहा, ‘परिवारों की तरफ से प्रतिक्रिया हो सकती है, इसलिए अगर किसी को मिलना है तो पहले परिवारों से अनुमति लेनी चाहिए।
बता दें कि बहराइच में 18 वर्षीय गुरविंदर सिंह के भाई गुरु सेवक ने कहा कि मंत्री को “राजनीति के लिए नहीं, बल्कि हमारे दुख को साझा करने के लिए आना चाहिए। अगर वह आना चाहते हैं तो उन्हें अपनी पार्टी का झंडा हटाकर आना चाहिए।”
वहीं बृजेश पाठक के दौरे को लेकर यूपी कांग्रेस के राज्य प्रमुख अजय कुमार लल्लू ने कहा कि, “यह अब सरकार द्वारा केवल ध्यान हटाने का एक प्रयास है। यूपी की सरकार अपराधियों को शरण देने का काम करती है और घटना के 10 दिन बाद इस तरह के दौरे से पता चलता है कि पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का उनका कोई इरादा नहीं है।”