Lakhimpur Kheri case: सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खेरी (Lakhimpur Kheri) के एडिशनल सेशन जज से पूछा है कि वो बताए कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को कब तक जेल में रखना चाहिए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट आशीष मिश्रा की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने अपने वकील के माध्यम से शीर्ष कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसे जमानत पर रिहा किया जाए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने रजिस्ट्री को आदेश दिया कि वो एडिशनल सेशन जज से पूछे कि इस मामले का ट्रायल कितने दिनों में पूरा हो जाएगा। कोर्ट ने ये भी कहा कि लोअर कोर्ट दूसरे लंबित मामलों की सुनवाई को प्रभावित किए बगैर आशीष मिश्रा के मामले का ट्रायल पूरा करे। कोर्ट का कहना था कि हमें ये देखना होगा कि पीड़ित और आरोपी के हितों का हनन न हो। दोनो के बीच बैलेंस बना रहे। बेंच का कहना था कि आखिर अंडर ट्रायल के तौर पर आशीष को कितने दिनों तक जेल के भीतर रखा जा सकता है।
आशीष मिश्रा किसानों की मौत के मामले में आरोपी है। उसका दावा है कि वो घटना वाले दिन मौके पर मौजूद ही नहीं था। उसका दावा है कि वो घटनास्थल से दूर किसी दूसरे कार्यक्रम में व्यस्त था। लेकिन पीड़ित पक्ष का कहना है कि आशीष ने ही गाड़ी किसानों के ऊपर चढ़ाने को कहा था। आशीष को एक बार जमानत पर रिहा किया जा चुका है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उसे फिर से जेल में जाना पड़ गया। उसके बाद से वो जमानत के लिए बार-हार अपील कर रहा है। लेकिन कोर्ट उसकी दरखास्त को मंजूर नहीं कर रही है।
आज की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले के गवाहों को समुचित सुरक्षा दी जानी चाहिए। वो केस की अहम कड़ी हैं। उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना यूपी पुलिस का पहला ध्येय होना चाहिए। आशीष की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी का कहना था कि उनका मुवक्किल घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं था। उनका कहना है कि उस दौरान कोई फायरिंग नहीं हुई, क्योंकि किसी की मौत गोली लगने से नहीं हुई।