Ladakh Standoff: पूर्वी लद्दाख के चीनी सैनिक गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में LAC के पार अपने कब्जे वाले स्थान से तीन किलोमीटर पीछे हट गए हैं। सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात की जानकारी सामने आई है। हालांकि इन तस्वीरों में डिसइंगेजमेंट से पहले और बाद की स्थिति दिखाई गई है।
NDTV द्वारा एक्सेस की गई नई सैटेलाइट इमेज इस बात की पुष्टि करती है कि चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार अपने कब्जे वाले स्थान से 3 किलोमीटर पीछे हट गए हैं। ये वापसी डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसने चीनी सेना को उस क्षेत्र से वापस जाना पड़ा, जहां भारतीय सेना 2020 में गश्त करती थी।
चीनी सैनिकों की पोजीशन पर फोकस: इन तस्वीरों में बफर या नो मैन्स लैंड की सीमा नहीं दिखाई गई है, केवल चीनी सैनिकों की पोजीशन पर फोकस किया गया है। सैटेलाइट इमेजरी स्पेशलिस्ट मैक्सार द्वारा NDTV के लिए उपलब्ध पहले और बाद की इमेज केवल चीनी स्थितियों पर फोकस करती हैं। इनमें समझौते के रूप में दोनों पक्षों की सेनाओं के बीच बनाए गए बफर-ज़ोन या नो-मैन्स लैंड की सीमा नहीं दिखायी गयी हैं।
LAC के पास चीन ने किया था इमारत का निर्माण: इससे पहले गोगरा हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से भारत और चीनी सैनिक 12 सितंबर 2022 को पूरी तरीके से पीछे हट गए थे। डिसइंगेजमेंट के पहले की इमेज से पता चलता है कि चीनी सेना ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार एक क्षेत्र के पास एक बड़ी इमारत का निर्माण किया था। जहां LAC के पार 2020 में चीनी घुसपैठ से पहले भारतीय सेना गश्त करती थी। यह बिल्डिंग खाइयों से घिरी हुई थी जो पैदल सेना और मोर्टार के लिए बनाई गई थी।
वहीं 15 अगस्त की सैटेलाइट तस्वीर से पता चला कि चीनी सैनिकों ने इस इमारत को गिरा दिया और निर्माण के मलबे को इस साइट से उत्तर की ओर ले गए। भारत और चीन की सेनाओं ने 8 सितंबर 2022 को घोषणा की थी कि उन्होंने क्षेत्र में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को हटाने के लिए रुकी हुई प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए गोगरा हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र के पेट्रोल पॉइंट 15 से सैनिकों को हटाना शुरू कर दिया है।
17 जुलाई 2022 को कोर कमांडर रैंक के दोनों पक्षों के सैन्य अधिकारियों के बीच 16वें दौर की बातचीत के बाद भारतीय और चीनी सेना के बीच गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में डिसइंगेजमेंट हुआ था।