विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने 2022 से किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) को बंद करने का फैसला किया है। इस प्रोग्राम को अब इनोवेशन इन साइंस परस्यूट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च (INSPIRE) प्रोग्राम के तहत शामिल कर लिया गया है। KVPY website के मुताबिक “डीएसटी ने केवीपीवाई को इंस्पायर में शामिल करने का फैसला किया है। केवीपीवाई एप्टीट्यूड टेस्ट वर्ष 2022 से आयोजित नहीं किया जाएगा। पहले से चल रहे केवीपीवाई फेलो को डीएसटी के मानदंडों के अनुसार फेलोशिप मिलती रहेगी।” हालांकि कई विशेषज्ञों का कहना है कि बंद करने से किशोर वैज्ञानिकों को तैयार करने की प्रक्रिया बाधित होगी।

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) बेसिक साइंस में फैलोशिप का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसे डीएसटी द्वारा शुरू और वित्त पोषित किया गया था। चयनित केवीपीवाई फेलो को प्री-पीएचडी स्तर तक फेलोशिप प्रदान की जाती थी, जिनका चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।

प्रतिभाशाली छात्रों को इंटर्नशिप, फेलोशिप

इस बीच, INSPIRE कार्यक्रम के तहत DST का उद्देश्य किसी भी स्तर पर प्रतिभा की पहचान के लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित नहीं करना है। यह प्रतिभा की पहचान के लिए मौजूदा शैक्षिक संरचना की प्रभावकारिता पर निर्भर करता है। कार्यक्रम के तहत प्रतिभाशाली छात्रों को इंटर्नशिप, फेलोशिप और छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

इंस्पायर फेलोशिप कार्यक्रम के तहत, चयन एक दो-स्तरीय प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें एक आंतरिक समिति द्वारा योग्य आवेदनों की जांच शामिल है, इसके बाद एक विशेषज्ञ समिति के माध्यम से अंतिम चयन किया जाता है।

योजना को वाजपेयी सरकार ने शुरू किया था

1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा शुरू की गई KVPY ने पिछले पांच वर्षों में उन छात्रों को हर साल 250 से 350 छात्रवृत्तियां प्रदान की हैं, जो प्राकृतिक विज्ञान में बीएससी, बीएस, या एकीकृत एमएससी या एमएस कार्यक्रम में शामिल होने का विकल्प चुनते हैं। उच्च शिक्षा के लिए DST की INSPIRE छात्रवृत्ति वर्तमान में प्रत्येक वर्ष लगभग 10,000 छात्रवृत्ति प्रदान करती है। दोनों योजनाओं में स्कॉलर्स को स्नातक और स्नातकोत्तर वर्षों के माध्यम से प्रति वर्ष 80,000 रुपये मिलते हैं।

कई फैकल्टी मेंबर चिंतित हैं कि इंस्पायर के लिए प्रवेश चैनल और चयन प्रक्रिया केवीपीवाई के विशिष्ट योग्यता परीक्षण और चयन साक्षात्कार से मेल नहीं खा पाएंगे, जिसने भारत के कुछ सबसे प्रतिभाशाली छात्रों को विज्ञान में लाने में मदद की थी। ऐसे देश में जहां 12वीं कक्षा के अधिकतर छात्र स्नातक के वर्षों में इंजीनियरिंग या मेडिकल क्षेत्र का चयन करने के लिए सहकर्मी या माता-पिता के दबाव में रहते हैं, उनके लिए समान रूप से प्रतिष्ठित विकल्प है।