मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क से एक बेहद खुशी की खबर आई है। यहां रविवार को पहली बार पांच चीता शावकों ने जन्म लिया है। ये शावक दो अलग-अलग देशों से आए चीतों की संतान हैं। इनके पिता गौरव नामीबिया से हैं और मां निरवा दक्षिण अफ्रीका के मापेसु रिजर्व से लाई गई हैं।
कुनो नेशनल पार्क के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा, “यह हमारे लिए बेहद गर्व का क्षण है। कुनो में पहली बार नामीबियाई पिता और दक्षिण अफ्रीकी मां से पांच अनमोल जिंदगियों का जन्म हुआ है।”
इस बड़ी उपलब्धि पर केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी खुशी जताई। उन्होंने अपने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “कृपया मेरे साथ मिलकर कुनो नेशनल पार्क में इन पांच अनमोल नई जिंदगियों का स्वागत करें। मां निरवा की गोद में पल रहे ये नन्हे शावक हमें प्रकृति की सुंदरता और जीवन की अदम्य शक्ति की याद दिलाते हैं।” निरवा पांच साल की है और उसे दक्षिण अफ्रीका के मापेसु रिजर्व से भारत लाया गया था।
पार्क में अब कुल 19 चीता शावक हो गए हैं
अब कुनो नेशनल पार्क में वयस्क चीतों के अलावा कुल 19 चीता शावक हो गए हैं। एक वन्यजीव अधिकारी ने बताया कि शावकों का जन्म इस बात का संकेत है कि चीतों ने भारत के माहौल के साथ अच्छी तरह से तालमेल बिठा लिया है। यह प्रोजेक्ट चीता के तहत एक और बड़ी सफलता का संकेत भी है, जो भारत में चीतों को बसाने की कोशिशों को मजबूत बनाता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन शावकों का खास महत्व इसलिए भी है क्योंकि ये अलग-अलग देशों की आबादी से आए चीतों की संतान हैं। इससे उनके जीन पूल में विविधता आती है, जो प्रजाति के भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। अलग-अलग आनुवंशिक वंशों का मिलन चीतों को ज्यादा स्वस्थ, मजबूत और पर्यावरणीय बदलावों के प्रति अधिक लचीला बनाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी प्रजाति में विविधता बढ़ती है तो उसमें बीमारियों के खिलाफ लड़ने की ताकत भी ज्यादा होती है और आनुवंशिक दोषों की संभावना कम हो जाती है। इस तरह कुनो नेशनल पार्क में जन्मे ये पांच नन्हे चीते सिर्फ एक नई शुरुआत नहीं हैं, बल्कि भारत में चीतों के उज्जवल भविष्य की एक मजबूत नींव भी हैं।