गुजरात के एक मंदिर में अपने प्रवेश के बारे कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा की टिप्पणियों को लेकर राज्यसभा में जारी गतिरोध वित्त मंत्री अरुण जेटली के अपनी टिप्पणी वापस लिए जाने और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी पीयूष गोयल द्वारा खेद व्यक्त करने के बाद समाप्त हो गया और सदन में कामकाज सामान्य रूप से चलने लगा। इस मुद्दे पर उच्च सदन की कार्यवाही बुधवार से बाधित थी। इस मसले पर सदन के बाहर राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी और उप सभापति पीजे कुरियन की मध्यस्थता में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच बातचीत के बाद गतिरोध दूर हुआ। इस मुद्दे पर बार-बार बैठक स्थगित होती रही और भोजनावकाश के बाद जब सदन पुन: मिला तो सदन के नेता

जेटली ने गतिरोध दूर करने के मकसद से नेताओं की बैठक बुलाने के लिए सभापति और उप सभापति को धन्यवाद दिया।
जेटली ने कहा , शैलजा जी ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने सोमवार को अपने संबोधन में मुख्य द्वारका मंदिर का कोई जिक्र नहीं किया। उन्होंने कल भी यह दोहराया। उनके बयान को देखते हुए मेरे द्वारा उठाया गया मुद्दा नहीं बचता। वित्त मंत्री ने कहा ‘जो भी टिप्पणियां इस बारे में की गईं, उनके बारे में विचार का जिम्मा मैं आसन पर छोड़ता हूं। संबद्ध मंत्री गोयल भी उस बारे में खेद व्यक्त कर चुके हैं जो उन्होंने कहा था। जेटली ने कहा कि सभापति ने रिकार्ड देखकर समीक्षा करने का जो आश्वासन दिया है, उस पर अमल होगा। इसके बाद सदन में कामकाज सामान्य ढंग से चलने लगा।

इससे पहले, कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा से गुजरात में द्वारका के एक मंदिर में जाति पूछने से जुड़े मुद्दे पर राज्यसभा में गतिरोध कायम रहा। हालांकि बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कल की अपनी टिप्पणी के लिए खेद जताया। हंगामे के कारण बैठक चार बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे के बीच गोयल ने कहा कि आसन ने आश्वासन दिया है कि वे रिकार्ड की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपनी सहयोगी कुमारी शैलजा के संदर्भ में अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त करते हैं। हालांकि गोयल की इस टिप्पणी के बाद भी सदन में गतिरोध दूर नहीं हुआ और कांग्रेस के सदस्य हंगामा करते रहे। उधर सत्ता पक्ष के सदस्यों का कहना था कि जब सभापति के कक्ष में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच बनी सहमति के आधार पर गोयल ने खेद व्यक्त कर दिया है तो यह मुद्दा समाप्त हो जाना चाहिए।

हंगामे के चलते शून्यकाल की कार्रवाई बाधित हुई। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सुझाव दिया कि समाधान पर पहुंचने के लिए सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया जाना चाहिए। इस पर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इस मुद्दे का कामचलाऊ हल निकाल लिया गया था और इस बात पर सहमति बनी थी कि सदन के नेता कुछ शब्द कहेंगे और उसके बाद खेद जताया जाएगा। इस पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं के बीच सार्थक बातचीत हुई, किंतु एक छोटी-सी समस्या है जिसका हल सभापति के कक्ष में निकाला जाएगा।

कुरियन ने कांग्रेस के सदस्यों से कहा कि उन्हें आसन के समक्ष नारेबाजी करने के बजाय यह पूछना चाहिए था कि क्या निर्णय हुआ और आसन की ओर से उन्हें जानकारी दी जाती। उन्होंने नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सदस्यों से कहा, ‘आप मुझे झुका नहीं सकते…।’ कोई समाधान नहीं निकलने के कारण सदन की बैठक को स्थगित कर दिया गया।

दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों ने फिर आसन के समक्ष नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच नायडू ने कहा कि पिछले दिनों संविधान पर हुई चर्चा के दौरान कुछ टिप्पणियां की गईंं। इनमें से कुछ टिप्पणियां गुजरात माडल पर थीं। उन्होंने कहा कि किसी राज्य या माडल पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। इसके बाद गोयल ने अपनी टिप्पणी के लिए खेद जताया। गोयल की टिप्पणी के बावजूद असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा। तृणमूल के डेरेक ने कहा कि उपसभापति के कक्ष में बनी सहमति के आधार पर गोयल ने तो खेद जता दिया है। लेकिन उससे पहले जो कुछ हुआ, उसके बारे में खेद जताया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को गोयल ने शैलजा से मंदिर में जाति पूछे जाने की टिप्पणी को ‘ कृत्रिम समस्या’ बताया था। इससे पहले सदन के नेता अरुण जेटली ने केंद्रीय मंत्री रहते समय शैलजा द्वारा द्वारका मंदिर की अतिथि पुस्तिका में की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा था कि अगर इस मंदिर में उनके साथ यह व्यवहार हुआ तो उन्होंने मंदिर के बारे में इतनी अच्छी टिप्पणी क्यों की। कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे की ओर संकेत करते हुए जद (एकी) प्रमुख शरद यादव ने कहा कि जब मंत्री ने खेद जता दिया है तो इस मामले का हल हो जाना चाहिए। सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि मंत्री ने अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त कर दिया है और अब यह मामला यहीं समाप्त हो जाना चाहिए। सदन में हंगामा देखते हुए आसन ने दोपहर 12 बजकर करीब 40 मिनट पर बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।