Rana Sanga controversy: समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान ने तूल पकड़ लिया है। राणा सांगा को गद्दार और देशद्रोही बताने वाले बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं समेत कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अब इस विवाद में कवि कुमार विश्वास की भी एंट्री हो गई है और उन्होंने कहा कि जुगनू की कुछ औलादों ने सूरज पर प्रश्न उठाए हैं। कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया पर एक कविता पोस्ट की है और शब्दों के बाण चलाए हैं।
अब पूरे विवाद पर गौर करें तो गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सपा सांसद ने कहा था, ‘एक तो ये बीजेपी के लोगों का तकिया कलाम हो गया है। सभापति महोदय इन मुस्लमान में बाबर का डीएनए है। मैं यह जानना चाहूंगा कि बाबर का डीएनए मुस्लमान में है। हिंदुस्तान का मुस्लमान तो बाबर को अपना आदर्श नहीं मानता है। वो मोहम्मद साहब को अपना आदर्श मानता है। सूफी संतो की परंपरा को अपना आदर्श मानता है। लेकिन सभापति महोदय मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को कौन लाया था। बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। तो मुस्लमान तो बाबर की औलाद हैं। तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। हम बाबर की तो आलोचना करते हैं। राणा सांगा की नहीं करते हैं।’
सांसद ने दी सफाई
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने आज सफाई देते हुए कहा, ‘मैंने संसद में कहा था कि बाबर को राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए भारत आमंत्रित किया था। मेरा इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। मैं किसी धर्म को मानता हूं या नहीं मानता, लेकिन किसी अन्य धर्म के अनुयायियों की भावनाओं के साथ खेलने का कोई अधिकार नहीं है। मेरा बयान न तो किसी जाति के खिलाफ था, न ही किसी वर्ग के खिलाफ था, न ही किसी धर्म के खिलाफ था। मैं उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने इस देश की मिट्टी के लिए अपना बलिदान दिया है। मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था।’
कौन हैं रामजी लाल सुमन?
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामजी लाल सुमन की गिनती प्रदेश की पॉलिटिक्स में बड़े दलित चेहरे के तौर पर होती है। रामजी लाल सुमन समाजवादी पार्टी के काफी पुराने सिपाही माने जाते हैं। 1999 से 2009 तक वह समाजवादी पार्टी से दो बार फिरोजाबाद सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उनको सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया था। साल 2024 में सपा ने उनको राज्यसभा भेजा। रामजी लाल सुमन के विवाद बयान को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…