पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर शुक्रवार को हिंसा पर उतारू भीड़ के हमले और पथराव करने से देशभर में गुस्सा है। इस पर कवि और राजनेता कुमार विश्वास ने कड़ा रोष जताया है और पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “अगर पूरा देश मिलकर, एक ताल में ननकाना साहिब तक श्रद्धा के फूल चढ़ाने के लिए क़दमताल भी कर देगा तो ऐसे गलाफाडू लफ़ंगे तो पैरों तले दबकर ही मोक्ष पा लेंगे ! इनकी औक़ात दिखाने का वक़्त आ गया है, शर्त बस यही है कि हम सब हर अलगाव को त्याग कर केवल और केवल भारतीय हो जाएं!”
हमलावर के भाई ने सिख लड़की का अपहरण कर लिया था : शुक्रवार को हमलावरों ने ऐतिहासिक ननकाना साहिब गुरुद्वारे का नाम बदलने और सिखों को वहां से भगाने के नारे भी लगाए थे। गुरुद्वारे के अंदर काफी संख्या में सिख श्रद्धालु फंसे थे। हमलावरों का नेतृत्व करने वाले का भाई मोहम्मद हसन ने कुछ दिन पहले सिख लड़की जगजीत कौर को अगवा कर लिया था और उससे निकाह कर लिया था। मोहम्मद हसन के भाई ने कहा कि सिखों ने जगजीत कौर को वापस भेजने के लिए दवाब डाला, लेकिन यह कभी नहीं होगा, क्योंकि वह अब मुस्लिम बन चुकी है।
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बोले – बाबा नानक देव जी एक सौ तीस करोड़ हिंदुस्तानियों के पूज्य देवता स्वरूप हैं : पाकिस्तान स्थित पूज्य बाबा नानक देव जी के पवित्र स्थान “श्री ननकाना साहिब” पर कल एक पाकिस्तानी गुंडे मुहम्मद हसन के नेतृत्व में एक बड़ी भीड़ ने हिंसक हमला किया है ! यह वही मुहम्मद हसन है जिसके परिवार ने हमारी एक सिख बहन जगजीत कौर का जबरन अपहरण करके निकाह करा दिया था ! इस जाहिल भीड़ की गीदड़-भभकी है कि पाकिस्तान, इस पवित्र स्थान को नष्ट कर देगा और इसका नाम बदल “ग़ुलाम ए मुस्तफ़ा” मस्जिद कर देगा ! मेरा पाकिस्तान की हुकूमत और उसके साए में पल रहे इन चिंदीचोरों से इतना ही कहना है कि पहले तो यह समझ लो कि बाबा नानक देव जी केवल सिक्खों के पूज्य देव नहीं है बल्कि एक सौ तीस करोड़ हिंदुस्तानियों के पूज्य देवता स्वरूप हैं।
पाकिस्तान को अब्दुल हमीद और कर्नल चांदपुरी की वीरता की दिलाई याद : पाकिस्तान को चेताया और कहा कि “अब्दुल हमीद के निशाने भूल गए लगते हो जब अपने अमरीकी फूफाओं से भीख में मिले इतने पैटन टैंक उस नर-नाहर ने अकेले तोड़े थे कि तुम भगोड़े उन टूटे टैंकों को वापस तक न ले जा पाए थे ! भूल गए कर्नल चांदपुरी की वो मार जो रात भर तुम्हारी पूरी बटालियन ने खाई थी ? छूकर देखो ननकाना साहिब गुरुद्वारे की एक ईंट भी…तुम्हारी पुश्तों को पता चलेगा कि “हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई” ने कैसे तुम्हारी ईंट से ईंट बजाई थी ?”