जाब के बठिंडा शहर से मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। शहर के मुक्तसर इलाके से एक संपन्न परिवार के बुजुर्ग महिला लावारिश हालत में मिली। उन्हें देखकर राहगीरों ने पुलिस और एनजीओ को सूचित किया। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा सका। हालांकि महिला की अगले दिन मृत्यु हो गई। इस घटना पर जाने माने कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर आक्रोश व्यक्त किया है।
80 वर्षीय बुजुर्ग महिला के दो बेटे हैं। एक बेटा राज्य आबकारी विभाग से सेवानिवृत्त अफसर है तो दूसरा एक राजनीतिक पार्टी का सदस्य है। वहीं, उनकी पोती एसडीएम है। इन सब के बावजूद वे सड़क किनारे एक मैदान में ईटों का छोटा सा घेरा बना कर रह रही थी। जहां से वह लावारिस हालत में मिली। उनके सर पर कीड़े पड़े हुए थे।
अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उनका एक वीडियो बनाकर लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल करा दिया। इसके बाद कुछ पड़ोसियों ने उनके परिवारीजनों को सूचना दी। सूचना पाकर उनका एक बेटा उन्हें आकर फरीदकोट ले गया। जहां अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद परिवार ने गुपचुप तरीके से उनका अंतिम संस्कार करा दिया।
और बनाइए संस्कारहीनता से भरा सफलता की अंधी दौड़ में पगलाया समाज! एक बेटा बड़ा नेता,एक बेटा बड़ा अफ़सर, पोती क्लास वन अफ़सर और बूढ़ी माँ सड़क पर बेसहारा पत्थरों के बीच पड़ी-पड़ी, भूख और दर्द से मर गई ! आक् थू ! ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है https://t.co/sHdcGDH4eK
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 21, 2020
इस घटना को लेकर के कुमार विश्वास ने रिश्तों को तार-तार करने वाले बेटों की निंदा की है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, “ और बनाइए संस्कारहीनता से भरा सफलता की अंधी दौड़ में पगलाया समाज! एक बेटा बड़ा नेता,एक बेटा बड़ा अफ़सर, पोती क्लास वन अफ़सर और बूढ़ी माँ सड़क पर बेसहारा पत्थरों के बीच पड़ी-पड़ी, भूख और दर्द से मर गई ! आक् थू ! ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।”
कुमार विश्वास के इस ट्वीट के बाद बहुत सारे लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। यूजर अंकित पाण्डेय ने लिखा है कि ये कौन सा बड़ा नेता है जो अपनी माँ का नहीं हुआ। वो बड़ा अफसर कैसे हुआ जब वह अपने बेटा होने का फर्ज नहीं निभा सका। क्लास वन ऑफिसर पोती के लिए हम कैसे मान लें कि ये समाज के लिए कुछ अच्छा करेंगे। इन्हें इनके पद से हटा देना चाहिए।
विश्वजीत पटेल ने लिखा है कि आज के आर्थिक युग में संस्कार प्रदान करने वाले माता-पिता और शिक्षक दुत्कारे जा रहे हैं क्योंकि हम एक ऐसे समाज का निर्माण कर रहे हैं जिसमें शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना है।