BJP Haryana Rajya Sabha seat 2024: हरियाणा बीजेपी में इन दिनों राज्यसभा के टिकट के लिए जबरदस्त लड़ाई चल रही है। राज्यसभा की एक सीट पर 20 दिसंबर को चुनाव होगा और पार्टी किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी, इसे लेकर दिल्ली से चंडीगढ़ तक दावेदारों की लॉबीइंग तेज हो गई है। यह सीट कृष्ण लाल पंवार के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद खाली हुई है।

याद दिलाना होगा कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तमाम सवालों और राजनीतिक विश्लेषकों को नकारते हुए बड़ी जीत हासिल की थी। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक विश्लेषकों ने और हरियाणा के एग्जिट पोल में भी इस बात का दावा किया गया था कि राज्य में कांग्रेस सरकार बनाएगी लेकिन बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर सभी राजनीतिक विश्लेषकों और पॉलिटिकल पंडितों को फेल कर दिया था।

छह नेता हैं टिकट के दावेदार

कृष्ण लाल पंवार के इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर बीजेपी के छह बड़े नेता दावेदार हैं। इन दावेदारों के नाम पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली, करनाल के पूर्व सांसद संजय भाटिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल और सुदेश कटारिया हैं।

इन सभी नेताओं के टिकट को लेकर अपने-अपने दावे हैं।

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महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी की अगुवाई में महायुति को मिली बड़ी जीत। (Source-PTI)

किरण चौधरी को भेजा था राज्यसभा

इस साल कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक से लोकसभा सांसद बनने के बाद जब राज्यसभा की सीट खाली हुई थी तो पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू किरण चौधरी को उम्मीदवार बनाया था। किरण चौधरी को चुनाव में जीत भी मिली थी। किरण चौधरी जाट समुदाय से आती हैं इसलिए इस बार माना जा रहा है कि बीजेपी किसी गैर जाट चेहरे पर दांव लगा सकती है।

यहां इस बात को भी बताना जरूरी है कि प्रत्याशी चयन में बीजेपी नेतृत्व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की पसंद को प्राथमिकता देगा।

हरियाणा में बीजेपी सरकार और संगठन दोनों ही बड़े पदों पर गैर जाट नेता काबिज हैं। मुख्यमंत्री पद पर ओबीसी वर्ग से आने वाले नायब सिंह सैनी हैं जबकि प्रदेश अध्यक्ष पद पर ब्राह्मण समुदाय से आने वाले मोहनलाल बड़ौली काम कर रहे हैं। ऐसे में जाट नेताओं की भी टिकट को लेकर अपनी दावेदारी है। हरियाणा में जाट सबसे ज्यादा आबादी वाला जातीय समूह है। 

हरियाणा में किस जाति की कितनी आबादी

समुदाय का नाम आबादी (प्रतिशत में)
जाट 25  
दलित21
पंजाबी8
ब्राह्मण7.5 
अहीर5.14
वैश्य5
राजपूत 3.4 
सैनी 2.9 
मुस्लिम3.8 

राज्यसभा चुनाव में टिकट के जो दावेदार हैं उनके अपने-अपने दावे हैं। बीजेपी के एक सीनियर नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि कुलदीप बिश्नोई टिकट हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं हालांकि पार्टी नेतृत्व किस नेता को राज्यसभा जाने का मौका देगा, इसे लेकर नेताओं में बेचैनी भी है। इस बार के विधानसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर विधानसभा सीट से हार मिली थी।

विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बिश्नोई परिवार ने बीजेपी के कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी। यहां तक कि 25 नवंबर को हिसार में आयोजित एक कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आए थे तब भी कुलदीप बिश्नोई और उनके बेटे भव्य बिश्नोई कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे।

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फडणवीस के साथ है एनसीपी। (Source-PTI)

कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के कई बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल के बेटे हैं। वह खुद भी सांसद और विधायक रह चुके हैं। कुलदीप बिश्नोई बीते लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से टिकट चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था। इसके बाद राज्यसभा के चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।

बड़ौली को मौका देगी पार्टी?

राज्यसभा टिकट के एक और बड़े दावेदार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली हैं। बड़ौली ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और पार्टी ने इस बार उन्हें विधानसभा चुनाव नहीं लड़ाया था। पार्टी ने बड़ौली को चुनाव लड़ाने का काम दिया था। चुनाव नतीजों के बाद बड़ौली के कामकाज की पार्टी के भीतर तारीफ की गई थी। ब्राह्मण समुदाय की ओर से विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अच्छा समर्थन मिला था।

खट्टर के भरोसेमंद हैं भाटिया

करनाल के सांसद संजय भाटिया भी टिकट की दौड़ में हैं। संजय भाटिया 2019 में 6 लाख वोटों के ज्यादा के अंतर से चुनाव जीते थे लेकिन इस बार यहां से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के चुनाव लड़ने की वजह से पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था। संजय भाटिया ने विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव में भी पार्टी की ओर से दी गई जिम्मेदारियों को निभाया था। संजय भाटिया को मनोहर लाल खट्टर का वफादार माना जाता है।

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जाट और दलित नेता भी हैं दौड़ में

इसके अलावा पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी राज्यसभा का टिकट चाहते हैं। ओमप्रकाश धनखड़ हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी के जाट चेहरे हैं। इस बार उन्हें विधानसभा चुनाव में हार मिली थी।

बीजेपी के दलित नेताओं की बात करें तो सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल और पार्टी के नेता सुदेश कटारिया भी टिकट चाहते हैं। सुदेश कटारिया ने विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे हरियाणा में पार्टी के लिए दलित महासम्मेलन किए थे जबकि सुनीता दुग्गल को विधानसभा चुनाव में हार मिली थी।

बीजेपी ने हरियाणा के चुनाव के बाद महाराष्ट्र में भी बड़ी जीत हासिल की है और ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर राज्य इकाई के नेताओं का कोई दबाव नहीं है।

हरियाणा चुनाव में किस जाति ने किस दल को दिए कितने वोट

जातिकांग्रेसबीजेपीइनेलो-बसपाअन्य
ब्राह्मण3151216
पंजाबी खत्री1868410
जाट5328613
अन्य सवर्ण जातियां2259415
गुर्जर 4437514
यादव2562211
जाटव503569
मुस्लिम 597331
सिख47211715
राजनीतिक दलों को मिले वोट प्रतिशत में हैं।

राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार का चयन करते वक्त बीजेपी इस बात का ध्यान जरूर रखेगी कि विधानसभा चुनाव में किस जाति ने उसे कितने वोट दिए हैं। इसके अलावा पार्टी जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का भी ध्यान रखेगी। देखना होगा कि पार्टी किस नेता के नाम पर दांव लगाती है।