कोरोना विषाणु संक्रमण महामारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं पर भी अपना असर डाला है। महामारी के कारण शाखाओं की संख्या में बढ़ोतरी पर अल्पविराम लग गया है। संघ ने माना है कि कोरोना महामारी के चलते उसकी शाखाओं की वृद्धि कम हुई है लेकिन इस कमी को अगले दो-तीन महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि पिछले साल के मुकाबले शाखाओं की संख्या 5,000 से अधिक बढ़ी है। लेकिन 2019 से 2022 के मार्च महीने तक शाखाओं की वृद्धि 1663 ही रही।

इस साल जारी वार्षिक प्रतिवेदन के मुताबिक देश में मार्च, 2022 में 60,929 शाखाएं काम कर रही हैं। मार्च, 2021 में यह संख्या 55,692 थी। यानी एक साल के अंतराल में देश में शाखाओं की संख्या में 5,277 की वृद्धि हुई। कोरोना महामारी के कारण 2020 में वार्षिक प्रतिवेदन जारी नहीं किया गया था जबकि 2019 में देश में शाखाओं की संख्या 59,266 थी। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो हम पाते हैं कि 2019 से 2022 के बीच शाखाओं की संख्या में 1,663 की बढ़ोतरी हुई जो बहुत मामूली है। यह काल कोरोना महामारी का काल रहा।

वार्षिक प्रतिवेदन के मुताबिक 2012 से 2022 के बीच देश में 20,000 से अधिक शाखाओं की संख्या बढ़ी है। केंद्र में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के आने के बाद से शाखाओं की संख्या में तेज बढ़ोतरी हो रही है।आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने माना कि शाखाओं की बढ़ोतरी पर कोरोना महामारी का असर पड़ा है। हालांकि उन्होंने कहा कि मई-जून तक जो भी कमी रह गई है, उसे पूरा कर लिया जाएगा। नरेंद्र ने कहा कि हम महामारी से बाहर आ चुके हैं और पिछले साल के मुकाबले इस साल शाखाओं की संख्या में पांच हजार से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हम अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक ही आगे बढ़ रहे हैं।

2025 तक सभी मंडलों में कार्य पहुंचाने का लक्ष्य

संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने अहमदाबाद में तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन कहा था कि संघ का शताब्दी वर्ष समीप आ रहा है। हर तीन वर्ष में संघ कार्य के विस्तार (भौगोलिक व संघ कार्य के आयामों का) को लेकर योजना बनाते हैं, उस लक्ष्य को लेकर आगे चलते हैं। और हर वर्ष दो बार (कार्यकारी मंडल, प्रतिनिधि सभा) उसकी समीक्षा करते हैं। अभी देशभर में 50 फीसद मंडलों में संघ कार्य पहुंचा है, आने वाले दो वर्ष में सभी मंडलों में कार्य पहुंचाने का लक्ष्य रखा है व योजना भी बनी है। शहरी क्षेत्रों में 45 फीसत बस्तियों में संघ कार्य है, दो सालों में इसे भी सभी बस्तियों में ले जाने का लक्ष्य व योजना है। सूत्रों के मुताबिक संघ का शताब्दी वर्ष तक देश में एक लाख स्थानों पर साप्ताहिक मिलन और शाखाएं आयोजित करने का लक्ष्य तय किया गया है।