प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वैश्विक आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करने तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में शुक्रवार को 2018 का ‘सियोल शांति पुरस्कार’ प्रदान किया गया। सियोल पीस प्राइज फाउंडेशन ने आयोजित एक भव्य समारोह में मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर मोदी के जीवन तथा उनकी उपलब्धियों पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। इस मौके पर भारतीय परिधान पहने दो दर्जन कोरियन बच्चों ने पीएम मोदी के स्वागत में महात्मा गांधी का प्रिय गुजराती भजन ‘वैष्णव जन तो…’ गाया।
पुरस्कार समारोह के बाद पीएम मोदी के सम्मान में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के बच्चों द्वारा भजन गाना दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन की मेजबानी का हिस्सा था। इस भजन गायन कार्यक्रम के वीडियो को टि्वटर पर शेयर करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने लिखा, “क्या आपने वैष्णव जन तो भजन का इससे अच्छा प्रस्तुतीकरण देखा है?” इस वीडियो को 19 हजार से ज्यादा लोग अबतक देख चुके हैं।
लोगों ने वीडियो देखने के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी। @Swatisi85352559 ने लिखा, “भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध अब सही में मजबूत हुआ है। हम यह देख सकते हैं कि इसके लिए दोनों देश प्रयासरत हैं। इन बच्चों की प्रस्तुती बेहद ही प्यारी है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दोस्ती और मजबूत होगी।”
The relationship between South Korea and India is now really strong n we can see the efforts both countries are making…just loved the vocals of these children n I hope this friendship grows with coming years
— Swati singh (@Swatisi85352559) February 22, 2019
mmmm57093994 ने लिखा, “सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा । हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसतां हमारा ।।” कई सारे अन्य लोगों ने भी इस वीडियो की तारीफ की है।
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद पीएम मोदी ने आभार व्यक्त करे हुए कहा था,‘‘यह पुरस्कार व्यक्तिगत रूप से केवल मेरा नहीं बल्कि भारत की जनता के लिए है। पिछले पांच वर्षों में भारत ने जो सफलता हासिल की है वह भारत की जनता की आकांक्षाओं, प्रेरणाओं और प्रयासों का नतीजा है। उनकी तरफ से मैं यह पुरस्कार ग्रहण करता हूं और अपना आभार प्रकट करता हूं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है ऐसे में उन्हें यह पुरस्कार दिया जाना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने पुरस्कार की दो लाख डॉलर की राशि को नमामि गंगे परियोजना को समर्पित की।
यह सम्मान पाने वाले मोदी 14वें व्यक्ति हैं। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल जैसी जानी मानी हस्तियां तथा संगठन यह पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। इस पुरस्कार की स्थापना सियोल में आयोजित 24वें ओलंपिक खेलों की सफलता को मनाने के लिए 1990 में की गई थी। यह पुरस्कार कोरियाई प्रायद्वीप और शेष दुनिया में शांति के लिए कोरियाई लोगों की आकांक्षाओं के सम्मान में स्थापित किया गया था। (भाषा इनपुट के साथ)