कोलकाता रेप मामले को लेकर पूरा देश आक्रोशित चल रहा है। आलम यह है कि कई दिनों के बाद भी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है, अभी भी कई राज्यों में अस्पताल की सेवाएं प्रभावित चल रही हैं। इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी है। पहली सुनवाई हो चुकी है और आज गुरुवार को दूसरी अहम सुनवाई होने वाली है।
कोलकाता केस: सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
इस मामले में बंगाल सरकार की कार्रवाई भी सवालों में चल रही है। बीजेपी का तो आरोप है कि सीएम ममता बनर्जी आरोपियों को बचाने का काम कर रही हैं, यहां तक कहा गया कि अस्पताल में जो तोड़फोड़ हुई थी, उसमें टीएमसी के ही लोग शामिल रहे। यह अलग बात है कि पार्टी ने सिरे से इन बातों का खंडन किया है और सीएम ममता खुद आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाने के लिए सड़क पर उतर चुकी हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या बताया?
वैसे इस केस में जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, उसने सभी को हैरान कर दिया है। बड़ी बात यह है कि रेप की पुष्टि अब रिपोर्ट में भी हो चुकी है, इसके ऊपर पता चला है कि आरोपी ने दो बार लड़की का गला घोंटा था। जानकारी तो यह भी मिली है कि आरोपी पहले से ही मानसिक रूप से विकृत रहा है। उसकी चार पत्नियां रह चुकी हैं, तीन छोड़कर चली गईं तो चौथी की कैंसर से मौत हो गई।
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दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने कई दिनों बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। यह सभी अब अपनी ड्यूटी फिर ज्वाइन करने जा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि आज ही सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से अपील की थी कि वे वापस ड्यूटी ज्वाइन कर लें।
कोलकाता रेप मामले में पांच सितंबर को अगली सुनवाई होने वाली है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी अलग-अलग अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है जिससे डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक बड़ा सवाल पूछा है। कोर्ट का कहना है कि अगर शुरुआत में मौत को अप्राकृतिक नहीं माना गया तो फिर पोस्टमार्टम की जरूरत कैसे पड़ गई? सीबीआई ने भी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में सरकार से लेकर पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है।
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने जो अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की है, उसमें दावा हुआ है कि मौका-ए-वारदात से छेड़छाड़ की गई। यहां तक कहा गया है कि लीपापोती की कोशिश की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। लेकिन सभी डॉक्टरों को वापस ड्यूटी पर जाना होगा। कई ऐसे गरीब हैं जो दो-दो साल पहले अप्लाइटमेंट लेते हैं, उन्हें यह कहकर नहीं वापस भेज सकते कि आपका इलाज नहीं हो पाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने तो विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से अपील की है कि वे अपने काम पर वापस लौट जाएं। आश्वासन दिया गया है कि उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं होगा।
बंगाल सरकार को भी आज सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना है। अस्पताल में जो तोड़फोड़ हुई थी, उसे लेकर विस्तृत रिपोर्ट देनी है। ऐसे में कानूनी दांव-पेच के लिए 21 वकीलों की एक टीम सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहने वाली है। वकीलों में कपिल सिब्बल से लेकर, मेनका गुरुस्वामी, संजय बासु, आस्था शर्मा, श्रीसत्य मोहंती तक को जगह दी गई है।
इस बार की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की भी वकीलों की एक बड़ी टीम मौजूद रहने वाली है। कुल पांच वकील इस सुनवाई में शामिल होने जा रहे हैं। इन वकीलों में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडवोकेट माधव सिंहल, एडवोकेट अर्कज कुमार, एडवोकेट स्वाति घिल्डियाल और एमके मारोरिया का नाम शामिल है।
कोलकाता रेप मामले में सीबीआई ने अपनी जांच की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। अब उस रिपोर्ट की समीक्षा कर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुना सकता है। थोड़ी देर में मामले की सुनवाई शुरू हो जाएगी।