कोलकाता रेप केस मामले में हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि इस केस की जांच डायरी उपलब्ध करवाई जाए। इसके ऊपर कोर्ट ने दो टूक कहा है कि कॉलेज प्रिसिंपल को तो तुरंत छुट्टी पर चले जाना चाहिए। असल में इस मामले में पुलिस जांच शुरुआत से ही सवालों के घेरे में चल रही है। आरोप है कि आरोपियों को ही बचाने का काम हो रहा है।

कोलकाता रेप केस: हाई कोर्ट की बड़ी बातें

वैसे हाई कोर्ट ने तो राज्य सरकार को भी फटकार लगाने का काम किया है। कोर्ट ने सवाल पूछा है कि क्या सरकार आश्वस्त कर सकती है कि सबूत नष्ट नहीं किए जाएंगे, जांच में पारदर्शिता बरती जाएगी। कोर्ट ने यहां तक पूछा है कि क्या इस गंभीर मामले को लेकर सरकार ने अपनी तरफ से कोई स्पेशल टीम गठित की है। इस पर सरकार के वकील ने जवाब दिया है कि सात सदस्यों की एसआईटी टीम बना दी गई है, अभी जांच जारी है, आरोपियों से सवाल-जवाब हो रहे हैं।

कोलकाता केस में सड़क पर उतरे डॉक्टर्स

9 अगस्त को हुआ क्या था?

अब जानकारी के लिए बता दें कि 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया गया था। आरोपी को लेकर बताया गया कि उसने पहले शराब पी, फिर पोर्न वीडियो देखी और उसके बाद डॉक्टर के साथ रेप किया। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट जो सामने आई है, वो साफ बताती है कि हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं। रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपी ने दो बार महिला का गला घोंटा, उसकी गर्दन की हड्डी भी तोड़ दी। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर भी चोट के निशान मिले हैं।

डॉक्टरों की हड़ताल जारी

वैसे इस मामले में एक बड़ा अपडेट यह भी है कि चार डॉक्टरों को समन भेजा गया है। इसके ऊपर IMA के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की है। उनसे इस केस में तेज कार्रवाई की मांग की गई है। समझने वाली बात यह है कि जब से यह मामला सामने आया है, देशभर के डॉक्टर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी तरफ से ओपीडी सर्विसेस तक को कई जगह सस्पेंड करवा दिया गया है।