सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की एक ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में सुनवाई को फिलहाल 17 सितंबर तक के लिए टाल दिया है। CJI ने इस मामले में सीबीआई से नई स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मामले में सोमवार को सुनवाई कर रही थी। आइये 10 पॉइंट्स में जानें की मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ।

  1. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा सीलबंद लिफाफे में जमा की गई रिपोर्ट का अध्ययन किया। पीठ ने कहा, ‘‘सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट जमा की है जिससे लगता है कि जांच प्रगति पर है। हम सीबीआई को नई स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश देते हैं।”

2. सीजेआई ने डॉक्टरों से कल शाम 5 बजे से पहले काम पर लौटने का आग्रह किया। अदालत ने कहा, “अगर डॉक्टर कल शाम 5 बजे या उससे पहले ड्यूटी पर आते हैं तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। सुरक्षा और सुरक्षा पर सभी शिकायतों पर तुरंत ध्यान दिया जाएगा। हालांकि, अगर लगातार काम से परहेज किया जाता है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।” वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि अगर प्रदर्शनकारी चिकित्सक काम पर लौट आते हैं तो उनके खिलाफ ट्रांसफर या कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

3. न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा के लिए हालात का जायजा लेने का निर्देश दिया।

4. शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी को निर्देश दिया है कि आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में लगाई गईं सीआईएसएफ की तीनों कंपनियों को आवास की सुविधा प्रदान की जाए। न्यायालय ने सीआईएसएफ कर्मियों को जरूरी सभी सुरक्षा संसाधन भी आज ही मुहैया कराने का निर्देश दिया।

5. सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई ने आगे के विश्लेषण के लिए नमूनों को एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में भेजने का फैसला किया है।

6. सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज कराने के समय पर स्पष्टीकरण मांगा। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे जारी किया गया था लेकिन अप्राकृतिक मौत के लिए पुलिस स्टेशन में एंट्री 2:55 बजे की गयी थी। अदालत ने तलाशी और जब्ती के समय के बारे में भी पूछा, जिस पर सिब्बल ने कहा कि यह रात 8:30 बजे से रात 10:45 बजे तक हुआ। अदालत ने पूछा कि क्या घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपे गए थे। मेहता ने पुष्टि की कि कुल 27 मिनट की चार क्लिप प्रदान की गईं।

7. सुनवाई के दौरान एसजी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा कर्मियों के बारे में भी चिंता जताई। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि तीनों सीआईएसएफ कंपनियों को पास में ही आवास मिले। इसके अतिरिक्त, अदालत ने निर्देश दिया कि सीआईएसएफ कर्मियों के लिए आवश्यक सभी आवश्यकताओं को आज संकलित किया जाए और सुरक्षा उपकरण रात 9 बजे तक उपलब्ध कराए जाएं।

8. अदालत ने अस्पताल की शुरुआती प्रतिक्रिया की भी आलोचना की और सवाल उठाया कि इस घटना को शुरू में आत्महत्या क्यों माना गया। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पुष्टि की कि यह एक हत्या का मामला था और एफआईआर दर्ज करने में देरी के बारे में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, अदालत को पता चला कि हमले के दौरान अस्पताल में तैनात पुलिस अधिकारी भाग गए जिससे चिकित्सा कर्मचारी असुरक्षित हो गए। वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा कि कई डॉक्टर सुरक्षा चिंताओं के कारण अस्पताल छोड़ चुके हैं।

9 सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सीआईएसएफ को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय किए जाएं और आरजी कर अस्पताल में वैध आई-कार्ड के बिना किसी को भी इमरजेंसी वार्ड में प्रवेश न करने दिया जाए।

10 अदालत ने यह भी कहा कि कोलकाता पुलिस ने दुष्कर्म और हत्या की घटना के सिलसिले में FIR दर्ज करने में कम से कम 14 घंटे की देरी की। अदालत ने कहा कि हम इसकी वजह जानना चाहते हैं। SC ने पीड़िता की सभी तस्वीरें सोशल मीडिया से तुरंत हटाने का निर्देश दिया।