Kolkata Rape And Murder: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली जूनियर डॉक्टर के पिता ने अपने घर की तीन मंजिला सीढ़ियों पर बैठ कर रोते हुए बताया कि कैसे कभी-कभी उसके पास उसकी बेटी के लिए बचपन में अनार खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे। उन्होंने कहा कि जब मेरी बेटी छोटी थी, तब हमारी आर्थिक हालत काफी ठीक नहीं थी। फिर मेरा काम चलने लगा। हम कोलकाता चले गए और घर बनाया। बाहर लगी नेम प्लेट पर सिर्फ उसका नाम है। उसने अपने दम पर डॉक्टर बनकर सबको गलत साबित कर दिया। उसकी मां और मुझे उस पर बहुत गर्व था। अब हम बस अपनी इकलौती बेटी को वापस चाहते हैं।
डॉक्टर की मां का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी से आखिरी बार 8 अगस्त की रात 11.15 बजे बात की थी। मां ने इंडियन एक्सप्रेस को फोन पर बताया कि उस दिन उसने डिनर में चिकन लिया था। मैंने उसे सुबह 8 बजे (9 अगस्त) को फोन किया, लेकिन उसने मेरा फोन नहीं उठाया। मुझे लगा कि वह काम करने में ज्यादा बिजी है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मेरी बेटी मर चुकी है।
अपने घर के पास के कॉलेज को ही चुना
एक रिश्तेदार ने बताया कि डॉक्टर को मालदा जिले के एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया था, लेकिन उसने घर के पास के ही कॉलेज को चुना। उन्होंने बताया कि 2018 में उसे MBBS की डिग्री मिली। 2022 में वह अपनी पीजी की ट्रेनिंग के लिए आरजी कर अस्पताल में भर्ती हो गई। 9 अगस्त को उसका शव आरजी कर की चौथी मंजिल पर सेमिनार हॉल में मिला था। यहां पर 9 अगस्त की सुबह उसके साथ में कथित तौर पर रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। कोलकाता पुलिस ने इस सिलसिले में एक आरोपी संजय रॉय को अरेस्ट किया है।
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आरजी कर हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर की मौत के बाद अस्पताल के डॉक्टर मामले की जांच के लिए एक साथ आए हुए हैं। उनके साथी उन्हें याद करते हुए कहते हैं कि वह एक बातूनी और सभी के साथ में मिल कर रहती थी। इसका कभी भी किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ था। डॉक्टर के दो दोस्तों ने कहा कि अस्पताल में उन्हें उनकी स्किल के लिए जाना जाता था। मरीजों के साथ में वह बातचीत अच्छे तरीके से करती थीं। अगर किसी मरीज के रिश्तेदार को कुछ भी सलाह चाहिए होती थी तो उन्हीं के पास में भेजा जाता था।
लेडी डॉक्टर ने अपने पास रखी थी एक डायरी
रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर उन्होंने अपने बिजी शेड्यूल के बाद भी उन्होंने एक डायरी रखी। इसमें उन्होंने अपने विचारों और एक्सपीरियंस को शेयर किया। उनके साथी बताते हैं कि वे सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थीं। उनकी मौत के बाद में उनका अकाउंट को हटा दिया गया है। एक साथी ने बताया कि वह अक्सर उसकी सुंदर राइंटिंग की वजह से उसे चिढ़ाता था। वह भी रोते हुए याद करते हुए कहता है कि मैं अक्सर उसे मजाक में कहता था कि उसकी राइटिंग एख डॉक्टर के लिए ठीक नहीं है।
दोनों पीजीटी की मुलाकात साल 2022 में हुई थी। वह हमारे 9 लोगों के बैच में अकेली महिला पीजीटी थीं। मेडिकल के लिए हमारे जुनून ने हमें जोड़ दिया था। उसने मेरी मेडिकल में काफी मदद की और इसके बाद में हम दोनों दोस्त बन गए। उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें याद आता है कि लेडी डॉक्टर की हत्या उसी कमरे में की गई थी, जहां पर हमने एक साथ क्लास ली थी और एक दिन पहले हमने अपना टिफिन भी शेयर किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें याद है कि 9 अगस्त को उनकी लाश मिली थी, उसी दिन उन्होंने सेमिनार हॉल में हत्या के बारे में सुना था और फिर पता चला कि पीड़िता मेरी दोस्त थी।
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उनके साथियो के मुताबिक, लगभग दो महीने पहले तक वे अपने डिपार्टमेंट के स्लीप स्टडी रूम में ही अपनी छुट्टी बितातीं थी। उस कमरे में रेनोवेशन का काम शुरू होने के बाद में वे और रात की ड्यूटी पर मौजूद बाकी डॉक्टर अपनी छुट्टी सेमिनार रूम में ही बिताने लगे। आरजी कर में शायद ही कोई ऐसा पीजीटी हो जिसने अपनी रेजीडेंसी या लंबी शिफ्ट के दौरान सेमिनार रूम में छुट्टी या झपकी ना ली हो।
सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने को लेकर भी डॉक्टरों का फूटा गुस्सा
एक साथी ने कहा कि सोशल मीडिया पर उसके शव की तस्वीर शेयर किए जाने पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि क्या वह सम्मानजनक मौत की हकदार नहीं है। डॉक्टर की मौत की खबर आने तक उनके साथी पीजीटी का कहना है कि वे इस साल अक्टूबर में उनके घर पर दुर्गा पूजा उत्सव का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वे कहते हैं कि पिछले दो सालों से वह दुर्गा पूजा के दौरान हमारे लिए खिचड़ी का प्रसाद लाती थीं। वह इस साल भी उत्सव मनाने की प्लानिंग कर रहीं थी।
लेडी डॉक्टर को ईमानदार और अच्छी स्टूडेंट बताते हुए उनकी टीचर में से एक ने कहा कि वह रक्षाबंधन पर अपने दुखी माता-पिता से मिलीं। उन्होंने कहा कि वह बेहद बेहतरीन स्टूडेंट थीं। उसके इलाके में दो स्थानीय दुकानदारों ने उसे बड़ा होते देखा है और उनका कहना है कि वे अभी भी उसकी मौत को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। एक दुकानदार कहता है कि मैं सोच भी नहीं सकता कि वह इस तरह मरी होगी। वहीं एक अन्य दुकानदार ने कहा कि जैसे ही कोई उसे डॉक्टर बुलाता था, उसका चेहरा खिल जाता था।
इस बीच एक रिश्तेदार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसके माता-पिता ने दुर्गा पूजा के बाद उसकी शादी करने की प्लानिंग की थी। मुझे याद है कि कैसे उसके पिता उसे साइकिल पर कोचिंग के लिए छोड़ते थे। छह महीने पहले ही उन्होंने एक कार खरीदी थी ताकि वह आसानी से आ-जा सकें। उन्होंने अपने सबसे बुरे सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे इस तरह खो देंगे।