Know Your City: सैनिकों की धरती के रूप में मशहूर गाजीपुर का इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण रहा है। देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सबसे ज्यादा सैनिक इसी गाजीपुर की धरती ने दिए हैं। अंग्रेजी के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंकने वाले मंगल पांडे की ये जन्मस्थली है। ऐसा माना जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम में गाजीपुर के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही गाजीपुर एशिया के सबसे बड़े गांव और अफीम कारखाने के लिए जाना जाता है।

लहुरी काशी के रूप में है मशहूर

उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर बसा गाजीपुर गंगा नदी के किनारे स्थित है। इस शहर की धार्मिक महत्ता इस बात से समझी जा सकती है कि इसे काशी की बहन यानी लहुरी काशी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां वैदिक काल में भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि अपने पिता राजा गाधि के साथ यहां रहते थे। इस वजह से इसे राजा गाधि की नगरी भी मानी जाती है।

पृथ्वीराज चौहान के वंशज करते थे राज

दस्तावेज बताते हैं कि मध्यकालीन समय में यहां तुगलक वंश के शासक सैयद मसूद गाजी ने इस शहर की स्थापना की थी। जिस वजह से इसे गाजीपुर कहते हैं। कई दस्तावेज बताते हैं कि मध्यकालीन समय में यहां तुगलक वंश के शासक सैयद मसूद गाजी ने इस शहर की स्थापना की थी। जिस वजह से इसे गाजीपुर कहते हैं। दस्तावेजों के अनुसार महान शासक पृथ्वीराज चौहान के वंशज राजा मांधाता का भी इसे गढ़ माना जाता है। राजा मान्धाता दिल्ली सल्तनत के अधीनता अस्वीकार करके गाजीपुर में स्वतंत्र राज्य के राजा के रूप में राज करते थे।

एशिया का सबसे बड़ा गांव ‘गहमर’

गाजीपुर शहर में ही एशिया की सबसे बड़ी अफीम फैक्ट्री स्थित है। यहां हथकरघा और इत्र उद्योग का भी काम होता है। यहां पर सिविल सर्विस के जन्मदाता कहे जाने वाले लार्ड कार्नवालिस का मकबरा बना हुआ है। इसके अलावा एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर भी यहीं स्थित है।

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गहमर गांव की बात करें तो यहां की आबादी एक लाख से ज्यादा है। वहीं यहां के 12 हजार से ज्यादा फौजी हैं। जो देश की सेवा कर रहे हैं। इस गांव का क्षेत्रफल 8 वर्ग मील में फैला हुआ है। इस गांव में 22 टोले हैं। इस गांव में कामाख्या देवी का मशहूर मंदिर है।