भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार (1 अगस्त) को मौद्रिक समीक्षा के तहत रेपो रेट में इजाफा कर दिया। आरबीआई ने 0.25 बेसिस प्वॉइंट्स बढ़ाने के साथ ही रिवर्स रेपो रेट में भी फेरबदल किया। ऐसे में इसका (रेपो रेट का) सीधा प्रभाव आपके होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और अन्य प्रकार के कर्जों की इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (ईएमआई) पर पड़ेगा। चूंकि रेपो रेट अब 6.5 फीसदी हो गया है, लिहाजा ईएमआई में भी बढ़ोतरी होगी। आरबीआई ने इस दौरान कहा, “जीडीपी वृद्धि दर 2018-19 में 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह जून में जारी बयान के अनुरूप है।’’
कैसे और कितनी होगी बढ़ोतरीः फर्ज करिए कि आपने 30 लाख रुपए का लोन 20 सालों के लिए ले लिया। होम लोन की वर्तमान ब्याज दर 8.5 फीसदी है, जिसके हिसाब से 26,034 रुपए उसकी ईएमआई बनेगी। लेकिन रेपो रेट में 0.25 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी के बाद नई ब्याज दर 8.75 हो जाएगी। ऐसे में आपको प्रति माह 26,511 रुपए बतौर ईएमआई चुकाने होंगे। यानी संशोधित ब्याज दर के अंतर्गत आपको ईएमआई में 477 रुपए अधिक देने पड़ेंगे, जबकि ब्याज की कुल कीमत में 1,14,480 रुपए का इजाफा देखने को मिलेगा।
लोन लेने में न करें देरः अगर आप 75 लाख रुपए का होम लोन 20 सालों के लिए लेते हैं, तब होम लोन पर वर्तमान ब्याज दर 8.5 फीसदी के हिसाब से उसकी ईएमआई 65,086 रुपए बनेगी, जबकि संशोधन के बाद ईएमआई की रकम में 1,192 रुपए का इजाफा होगा। यानी आपकी ईएमआई बढ़कर 66,278 हो जाएगी। ऐसे में अगर आप लोन लेना चाहते हैं, तो देर न करें। कारण- रेपो रेट में इजाफे के बाद बैंक भी कुछ समय में लोन की ब्याज दरें बढ़ा देंगे।
क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट?: रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को उधार रकम देता है। आगे बैंक उसी रकम से अपने ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। वहीं, रिवर्स रेपो वह दर होती है, जिस पर बैंकों को आरबीआई में जमा कराई गई रकम पर ब्याज हासिल होता है। आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी बढ़ोतरी की है, जो कि 6.25 कर दी गई है।