वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी अपनी फीस को लेकर चर्चाओं में है। रामजेठमलानी ने कहा कि वह सिर्फ अमीरों से ही फीस लेते हैं, जबकि गरीबों के लिए वह मुफ्त में काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल्ली सरकार या सीएम अरविंद केजरीवाल मुझे पैसे नहीं देते, तब भी मैं मुफ्त में उनका मुकदमा लड़ूंगा। मैं केजरीवाल को अपना गरीब क्लाइंट समझ लूंगा। बता दें कि पहले खबरें आ रही थी कि अरविंद केजरीवाल को जेठमलानी ने 3.42 करोड़ का बिल भेजा है, जो उनकी केस लड़ने की फीस है। लीगली इंडिया की साल 2015 की रिपोर्ट के अनुसार राम जेठमलानी देश के सबसे महंगे वकील हैं और वो हर पेशी के 25 लाख रुपये लेते हैं। जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों अदालतों में 25 लाख से अधिक फीस लेते हैं। हालांकि जेठमलानी सक्रिय वकालत से इस्तीफा ले चुके हैं और वो केवल खास मुवक्किलों के लिए “प्रो बोनो” (बगैर फीस के) केस लड़ते हैं।
अब इस पर राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है। समाचार एजेंसी एएनआई को लालू यादव ने कहा कि चाचा के पैस पैसे की कोई कमी नहीं है। लालू ने कहा कि उन्होंने हमारा केस भी फ्री लड़ा था, हमलोगों ने उन्हें कोई पैसे नहीं दिए थे। गौरतलब है कि कथित तौर पर केजरीवाल की तरफ से केस लड़ रहे जेठमलानी ने रिटेनरशीप के लिए एक करोड़ रुपए और उसके बाद प्रति सुनवाई 22 लाख रुपए फीस रखी थी। इस तरह उनकी कुल फीस 3.42 करोड़ रुपए हो गई। दिल्ली सरकार ने बिल का भुगतान करने के लिए उपराज्यपाल को खत लिखा है। इस मामला के सामने आने के बाद से केजरीवाल पर निशाना साधा जा रहा है।
आपको बता दें कि देश में रामजेठमलानी ही नहीं, कई अन्य वकील भी एक पेशी के लाखों रुपये लेते हैं। राम जेठमलानी के बाद मशहूर वकील फाली नरीमन सबसे ज्यादा फीस लेते हैं। नरीमन सुप्रीम कोर्ट में पेशी की 8 से 15 लाख रुपये फीस लेते हैं। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट की पेशी के लिए 6-7 लाख रुपये जबकि हाईकोर्ट की पेशी के लिए 7 से 15 लाख रुपये फीस लेते हैं।







