MSP पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसान आज फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर डटे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से पांचवें दौर की बातचीत की पेशकश करते हुए उनसे शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की है। इस बीच किसानों के विरोध प्रदर्शन के अधिकार के लिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में PIL फाइल की गयी है।
इस बीच किसानों के विरोध प्रदर्शन के अधिकार के लिए पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर वकील उदय प्रताप सिंह ने कहा, “मैंने किसानों के पक्ष में एक जनहित याचिका दायर की है। राज्य किसानों को विरोध करने के उनके मौलिक अधिकार का प्रयोग करने से रोक रहा है और बाधाएं उत्पन्न कर रहा है।”
‘किसानों को देश के किसी भी हिस्से में जाने का अधिकार’
वकील ने आगे कहा, “भारत के नागरिक होने के नाते, किसानों को देश के किसी भी हिस्से में जाने का अधिकार है। हरियाणा सरकार ने रुकावटें लगाईं और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया। जनहित याचिका में कहा गया है कि इंटरनेट बहाल किया जाना चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”
वकील उदय प्रताप सिंह ने कहा, “घायल किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। पंजाब सरकार इसके पक्ष में है, लेकिन हरियाणा और यूटी (चंडीगढ़) इसके खिलाफ हैं। हाई कोर्ट का कोई भी आदेश किसानों को विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टरों और भारी मशीनरी का उपयोग करने से नहीं रोकता है। जरूरत पड़ने पर हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ेंगे।”
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रदर्शनकारी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित सभी मुद्दों पर पांचवें दौर की वार्ता के लिए बुधवार को आमंत्रित किया। मंत्री ने प्रदर्शनकारी किसानों से शांति बनाये रखने और समाधान खोजने के लिए वार्ता में शामिल होने की भी अपील की। मुंडा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं, चाहे वह एमएसपी हो या फसल विविधीकरण। हम बातचीत के जरिए ही समाधान निकाल सकते हैं। मैंने उन्हें चर्चा के लिए आमंत्रित किया है और उनसे शांति बनाए रखने तथा ऐसा समाधान खोजने की अपील की है जो सभी के लिए अच्छा हो।’’