एमएसपी पर गारंटी कानून सहित अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाण बार्डर पर आंदोलनरत किसान संगठनों के समर्थन में अब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) भी उतर आया है। उसने देशभर में आज काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। इसके साथ किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे हालांकि इस दौरान सड़कों को जाम नहीं किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से लोगों को घरों और गाड़ियों पर काले झंडे लगाने की अपील की गई है। वहीं, बार्डर पर प्रदर्शनकारी किसान संगठन एसकेएम-गैर राजनीतिक भी आज यानी शुक्रवार को अपनी आगे की रणनीति का खुलासा करेगा। इसे लेकर एक बैठक बुलाई गई है।
मृतक किसान के लिए मांगा 1 करोड़ रुपये का मुआवजा
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पंजाब-हरियाणा के बीच जींद की खनौरी सीमा पर किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृहमंत्री अनिल विज पर हत्या का मामला दर्ज करने और मृतक परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है। किसानों में शुभकरण सिंह की मौत को लेकर भारी आक्रोश है। एसकेएम का कहना है कि पुलिस ने पंजाब की सीमा में खड़े किसान को गोली मारी है। विरोध करना किसानों का अधिकार है लेकिन सरकार उसे दबाने की कोशिश में है।
एसकेएम की ओर से कहा गया है कि फिलहाल वह दिल्ली चलो मार्च का हिस्सा नहीं है लेकिन इसका समर्थन कर रहा है। एसकेएम की ओर से केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसान आंदोलन की अगुवाई थी। गुरुवार को चंडीगढ़ में एक बैठक के बाद एसकेएम ने कहा कि किसान 26 फरवरी को राजमार्गों पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे। दूसरी तरफ अंबाला पुलिस ने कहा है कि किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि किसान नेताओं के भड़काने पर शंभू सीमा पर किसान पत्थरबाजी कर रहे हैं। इससे दो पुलिसकर्मियों की मौत भी हो गई है।