किसानों के साथ केंद्र सरकार की तीसरी बैठक भी फेल हो गई है। उस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। बैठक के दौरान एमएसपी पर लंबी बातचीत हुई, सरकार ने कई तर्क भी दिए, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हुए और उसी वजह से तीसरी वार्ता भी फेल ही हो गई।
बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान सरकार ने किसानों को मनाने की काफी कोशिश की। केंद्र ने जोर देकर कहा कि कई फसलों पर पहले से ही एमएसपी दी जा रही है। इस बात पर भी जोर दिया गया कि हरियाणा और पंजाब के किसानों को तो गेहूं और धान पर पहले से ही एमसपी मिल रही है। लेकिन किसान अपनी उसी मांग पर अड़े रहे जहां कहा गया कि कानूनी गारंटी मिलना जरूरी है।
वैसे जानकारी तो ये भी मिली है कि किसानों को लखीमपुर खीरी वाली घटना पर भी केंद्र सरकार से एक प्रस्ताव मिला है। उस प्रस्ताव के तहत आंदोलन खत्म होने के सात दिनों के भीतर में मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। दूसरे कई मुद्दों पर भी सरकार ने ऐसे ही किसानों को मनाने की कोशिश की है। लेकिन किसान इस बार झुकने के मूड में नहीं हैं।
यहां ये समझना जरूरी है किसानों द्वारा कल भारत बंद का ऐलान कर दिया गया है। जगह-जगह चक्का जाम की स्थिति रहने वाली है, दिल्ली आने की भी फिर तैयारी होगी।
बड़ी बात ये है कि अभी तक तो सिर्फ हरियाणा और पंजाब के ही किसान विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे, लेकिन अब कई किसान संगठन साथ में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं, यानी कि सभी किसान एकजुट होकर सरकार पर दबाव बनाने जा रहे हैं। इस बंद को क्योंकि ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन हासिल है, इस वजह से सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक सभी कृषि कार्यों पर रोक रहने वाली है। इसके ऊपर गांव की जो दुकाने हैं, बाजार हैं, उन्हें भी बंद रखा जाएगा। इसके साथ-साथ दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक देश की सभी बड़ी सड़कों पर चक्का जाम की तैयारी है।