इस साल शुरू में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार रहीं पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगी।
बेदी से यहां जब दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद की उनकी जिंदगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘मेरा सक्रिय राजनीति की तरफ झुकाव ही नहीं है, मेरा सक्रिय जनसेवा की ओर झुकाव जरूर है जहां मैं वापस लौट आयी हूं। मैं सक्रिय नेता नहीं हूं क्योंकि राजनीति मेरी भाषा नहीं है। मैं फिर चुनाव नहीं लडूंगी।’’
वह यहां चल रहे ‘वूमेन इकोनॉमिक फोरम’ में हिस्सा लेने आयी थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा जीवन ज्यादा समृद्ध, ज्यादा अनुभवपूर्ण और ज्यादा ज्ञानपूर्ण और ज्यादा अंतदृष्टिवाला हो गया है। अब मुझे कुछ चीजों की गहरी परख हो गयी है जो कभी नहीं थी।’’
बेदी ने दिल्ली चुनाव को अपने जीवन का सर्वोत्तम अनुभव बताया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझती हूं कि यह सर्वोत्तम अनुभव है जो मुझे मेरी जिंदगी में मिला क्योंकि उसने मुझे कुछ चीजों की गहरी परख दी जो शायद मुझे नहीं थी, मैं भाजपा के प्रति आभारी हूं जिसने मुझे पर विश्वास किया और यह अनुभव दिया।’’
बेदी फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार थीं और वह कृष्णानगर विधानसभा सीट से हार गयीं जहां से लंबे समय तक पार्टी के कद्दावर नेता हर्षवर्द्धन विधायक रहे।
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा औंधे मुंह गिरी और उसे 70 सदस्यीय विधानसभा में महज तीन सीटें मिली। आम आदमी पार्टी 67 सीटें जीतकर विजयी हुई।