गाजियाबाद से बुधवार को लापता हुई स्‍नैपडील की आईटी इंजीनियर दीप्ति सरना शुक्रवार को सकुशल घर लौट आई। सुबह 8 बजे दीप्ति ने अपने भाई को फोन किया था, जिसके बाद परिवारवाले रेलवे स्‍टेशन पहुंचे और उन्‍हें घर लेकर आए। दीप्ति के घर पहुंचने पर पुलिस ने उनका बयान भी दर्ज किया। हालांकि, पुलिस की पूछताछ अभी पूरी नहीं हुई है। दीप्ति ने पुलिस को बताया कि चार लोगों ने उनका अपहरण किया था। ये सभी वैशली मेट्रो स्‍टेशन से उसी ऑटो में थे, जिससे वह घर जा रही थीं। उन्‍होंने बताया कि मोहन नगर पर ऑटो खराब हो गया था, इसके बाद पीछे से आ रहे एक अन्‍य ऑटो में दीप्ति और अन्‍य लोग बैठ गए। आगे जाकर लड़कों ने चाकू दिखाकर ऑटो में पहले से बैठी लड़की को नीचे उतार दिया। इसके बाद लड़की को I-10 कार में बिठाया गया। कार में चार लोग बैठ गए और उन्‍होंने दीप्ति के हाथ-पैथ बांध दिए थे। उनकी आंख पर भी पट्टी बंधी थी। बदमाशों ने काफी दूर इंजीनियर को पैदल चलाया और बाद में बाइक पर बिठाकर गन्‍ने के खेत में कमरे में जाकर रखा।

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हालांकि, इस पूरी कहानी में अभी तक मकसद सामने नहीं आ रहा है। दीप्ति के मुताबिक, बदमाशों ने लड़की को शुक्रवार सुबह 4 बजे 100 देकर छोड़ दिया था। हालांकि, उन्‍होंने ऐसा क्‍यों किया यह अभी तक साफ नहीं हो पाया और लड़की पानीपत कैसे पहुंची और वहां से नरेला रेलवे स्‍टेशन कैसे आई? पुलिस का यह भी कहना है कि शायद बदमाशों को पुलिस के व्‍यापक अभियान की भनक लग गई हो, जिससे वह डर गए हों। लेकिन अभी तक पूछताछ खत्‍म नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि दीप्ति को आराम की जरूरत है और बाद में वह पूछताछ करेगी।

IT इंजीनियर दीप्ति सरना कंपनी के गुड़गांव ऑफिस में काम करती है। दीप्ति बुधवार शाम ऑफिस से गाजियाबाद के कविनगर में अपने घर जाने के लिए निकली थी। वह शाम 8 बजे मेट्रो से वैशाली उतरी। घर के लिए ऑटो लिया। इसके बाद से वह लापता हो गई थी। दीप्ति के पिता नरेंद्र सरना के मुताबिक, बुधवार रात सवा आठ बजे उनकी बेटी से बात हुई थी। उस वक्त वह हिंडन पुल पर थी। उसके पिता फार्मासिस्ट हैं। घर पहुंचने से पहले वह उन्हीं के साथ बात कर रही थी, तभी अचानक उसने कहा- ‘ऑटो वाला गलत ले जा रहा है…पापा बचा लो।’ इसके बाद से उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। पुलिस के मुताबिक, दीप्ति के साथ उसकी सहेली भी ऑटो में थी, जिसे हिंडन से पहले ही ऑटो वाले ने जबरन उतार दिया था। पुलिस को उनके मोबाइल की आखिरी लोकेशन आरडीसी और राजनगर एक्सटेंशन के आसपास मिली थी।