Khula For Muslim Women: सुप्रीम कोर्ट खुला (Khula) के जरिए तलाक की एक याचिका को सुनने के लिए राजी हो गया है। इस याचिका में केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें उसने मुस्लिम महिलाओं को खुला के जरिए अपने शौहर से तलाक लेने की छूट दी गई। एक महिला अपने पति से अलग होना चाहती थी। उसने खुला के जरिए पति को तलाक दे दिया। अब यह मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। आखिर खुला होता क्या है और तीन तलाक से यह कैसे अलग होता है इसे विस्तार से समझते हैं।
क्या होता है खुला?
खुला भी तीन तलाक की तरह तलाक का ही एक रूप है। इसमें महिला भी अपने शौहर से तलाक ले सकती हैं। इसमें अंतर ये है कि यह महिला की तरफ से लिया जा सकता है। खुला के जरिए महिला अपने शौहर से संबंध तोड़ सकती है। तीन तलाक में सिर्फ पुरुष अपनी बीवी से अलग होने का फैसला करता है तो वहीं दूसरी तरफ खुला में बीवी अपने शौहर से अलग होने का फैसला करती है। खुला का जिक्र कुरान और हदीस में भी मिलता है। अगर कोई महिला अपने शौहर से खुला लेती है तो उसको अपनी जायदाद का कुछ हिस्सा वापस करना होता है। खुला की इच्छा बीवी ही रख सकती है लेकिन इसमें दोनों की रजामंदी होना जरूरी होता है।
सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी है चर्चा
सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले खुला का जिक्र उस समय चर्चा में आया था जब ‘तलाक-ए-हसन’ के मामले में सुनवाई हो रही थी। तब जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश की बेंच ने कहा कि अगर पति और पत्नी एक साथ नहीं रहना चाहते तो संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत तलाक दिया जा सकता है। तलाक-ए-हसन के मामले में शौहर अपनी बीवी को तीन महीने में एक-एक कर तीन बार तलाक बोलता है। तीन महीने पूरे होने और आखिरी बार तलाक बोलने पर दोनों के बीच रिश्ता खत्म हो जाता है।
हाल ही में खुला उस समय चर्चा में आया था जब टेनिस स्टार सानिया मिर्जा के पति रहे पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक ने अभिनेत्री सना जावेद से शादी कर ली। सवाल उठाए जा रहे थे कि शोएब मलिक ने सानिया मिर्जा को तलाक दिए बिना दूसरी शादी कर ली। हालांकि बाद में सानिया मिर्जा के पिता का बयान सामने आया था। इसमें उन्होंने कहा कि सानिया ने खुला के लिए तलाक दिया है।