किसानों का तल्ख रवैया देख हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार ने फैसला लिया है कि जहां आंदोलन का ज्यादा असर है, वहां सरकारी कार्यक्रमों में मंत्री तिरंगा नहीं फहराएंगे। 15 अगस्त को कैथल, झज्जर, रोहतक, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, जींद और सिरसा में कोई सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा। उधर, अंबाला में HM अनिल विज के विरोध के बाद बवाल मच गया। फिलहाल शंभू बार्डर पर तनाव की खबर है।

सरकार का मानना है कि दिल्ली के सिंघु और टिकरी बार्डर पर सबसे ज्यादा किसान इन्हीं 7 जिलों से शिरकत कर रहे हैं। बीते दिनों में इन जिलों में किसानों ने सबसे ज्यादा तल्ख तेवर दिखाए थे। कैथल, सोनीपत, रोहतक में किसानों के प्रदर्शन आम हैं तो सिरसा में डिप्टी स्पीकर की गाड़ी का कांच तोड़ने और झज्जर में प्रदेश अध्यक्ष के शिलान्यास को उखाड़ने की घटना सामने आई थी। जींद का आंदोलन भी सुर्खियों में रहा।

उधर, अंबाला में तीनों कृषि कानूनों के विरोध में देर रात गृहमंत्री का काफिला रोके जाने के बाद सुबह से हंगामा शुरू हो गया है। किसानों को हिरासत में लेकरबस से पुलिस लाइन ले जाया गया। देर रात चंद्रपुरी में अपने पीए अजय का हालचाल जानने पहुंचे प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज का कुछ लोगों ने विरोध कर दिया। मामला उस समय बिगड़ गया जब पुलिस ने एक युवक को हिरासत में ले लिया। इसके बाद रात को ही लोगों ने अंबाला-दिल्ली हाईवे को जाम कर दिया।

रात में किसी तरह से रास्ता खुलवाया गया। वीरवार सुबह लोगों ने फिर से हाईवे पर हंगामा कर दिया। पुलिस का कहना है कि किसानों से तलवारें भी बरामद की हैं। हंगामा करने वाले लोगों के इरादे ठीक नहीं थे। लेकिन मामला तब और ज्यादा बिगड़ गया घटना का वीडियो वायरल हो गया। इसमें किसानों से शंभू टोल पर जुटने का आह्वान किया गया। फिलहाल टोल पर पुलिस का कड़ा पहरा है।

गौरततलब है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का समापन हो गया है। अब किसानों का सारा फोकस टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर है। संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान किसान संसद के आयोजन की घोषणा की थी। लेकिन दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने नौ अगस्त तक की कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी थी। किसान संसद के समापन के बाद किसानों ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए अनुमति नहीं मांगी।