खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला ने पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ ली गई एक तस्वीर अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट की। इस पोस्ट के बाद भारत की राजनीतिक गलियारे में सियासी हलचल तेज हो गई है। अकाली दल ने सिद्धू के बर्खास्तगी की मांग की है। दिल्ली के अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक ट्वीट कर कहा, “एक ग्रुप फोटो में नरेंद्र मोदी जी से बहुत दूर नीरव मोदी के खड़े होने पर बवाल मचाने वाले राहुल गांधी आज इस फोटो पर क्या कहेंगे। या तो मोदी जी से माफी मांगो राहुल गांधी या फिर सिद्धू को बर्खास्त करो!”

एक और ट्वीट कर उन्होंने कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया क्योंकि पाक भारत विरोधी और पंजाब विरोधी गतिविधियों में शामिल है। लेकिन उनके अपने मंत्री नवाजोत सिंह सिद्धू उनकी इच्छा के विरूद्ध पंजाब गए। हाफिज सईद के करीबी और भारत विरोध व्यक्ति गोपाल एस चावला के साथ तस्वीर खिंचवाई। क्या कैप्टन अपने मंत्री के इस गैरजिम्मेदाराना काम के लिए बर्खास्त करेंगे? सच्चाई यह है कि गोपाल चावला पाकिस्तान में अवांछित व्यक्ति है जैसा कि पाकिस्तान आर्मी के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भी ट्वीट कर कहा है। लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू गर्व से उनके साथ फोटो खिंचवा रहे हैं।”

 

 

एक और ट्वीट ने अकाली दल नेता ने सिद्धू पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा, “अगला क्या सिद्धू? हाफिज सईद को गले लगाना या लश्करी ए तैयबा को शेर अर्ज करना? और कितनी शर्मिंदा करोगे सिख कौम को अपनी बचकानी हरकतों से?”

बता दें कि क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू करतारपुर गलियारा परियोजना के आधारशिला में शामिल होने पाकिस्तान गए। उनके इस फैसले की भी विपक्षी दलों द्वारा काफी आलोचना की गई। विपक्षी दलों ने कहा कि यदि सिद्धू किसी विशेष मुद्दे पर मुख्यमंत्री का साथ नहीं दे सकते हैं तो उन्हें कैबिनेट में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। दरअसल, पंजाब सीएम अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को कहा था कि उन्होंने सिद्धू से करतारपुर गलियारे की आधारशिला कार्यक्रम में पाकिस्तान जाने के फैसले पर पुन:विचार के लिए कहा था।

गौरतलब है कि गोपाल चावला की पहचान भारत विरोधी और आतंकी सरगना तथा मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के करीबी के रूप में है। वह हाफिज सईद के साथ सार्वजनिक तौर पर मंच भी शेयर करता दिख चुका है। उसने अगस्त 2017 में मिल्ली मस्लिम लीग जैसे संगठनों की मदद से  खालिस्तानी आतंकवाद को फिर से जीवित करने की बात कही थी। वह अक्सर भारत विरोधी बयान देते रहता है।