Amritpal Singh: लोकसभा चुनाव में इस बार एक दिलचस्प नतीजा सामने आया क्योंकि पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह चुनाव जीत गया है, उसने यह चुनाव जेल में रहते हुए लड़ा था और खडूर साहिब की जनता ने उसे चुन भी लिया। अब सवाल यह है कि क्या खालिस्तान समर्थक अमृतपाल लोकसभा की शपथ लेने के लिए जेल से बाहर निकल पाएगा या नहीं?
लोकसभा का सांसद चुने जाने के बाद अमृतपाल सिंह को जेल से बाहर निकालने के लिए आरोपी के माता पिता ने मशक्कत शुरू कर दी है। जानकरी के मुताबिक अमृतपाल सिहं की रिहाई या पेरोल के लिए उसके परिजनों ने पेरोल के लिए आवेदन दिया है।
असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल सिंह
बता दें कि इससे पहले अमृतपाल सिंह के जीतने पर उसके माता पिता उसे मिठाई खिलाने जेल गए थे और उससे मुलाकात भी की थी। परिवारवालों का कहना है कि वह अमृतपाल की रिहाई की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह मार्च 2023 से एनएसए के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम अमृतपाल सिंह के जेल से बाहर आने के मुद्दे पर सबसे बड़ी बाधा है। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकारों का अधिकार है, जिसमें बिना किसी पूर्व सूचना के किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है। इन कानून के तहत किसी भी कथित आरोपी को सरकार 12 महीने तक हिरासत में रख सकती है।
सूत्रों ने बताया है कि अमृतपाल सिंह की रिहाई के लिए उसके परिवार ने पूरी परिवार ने पूरी तैयारी कर ली है। शपथ ग्रहण से पहले अमृतपाल जेल से बाहर निकले, उसके परिवारवाले जल्द ही पेरोल के लिए डीएम के समक्ष याचिकादायर करेंगे। इससे पहले सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए वे असम के डिब्रूगढ़ पहुंच गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट की सिफारिश के बाद अब उनकी याचिका को जेल अधिकारियों की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
दूसरी ओर अमृतपाल सिंह से जेल में मिलने के बाद उनके पिता ने कहा हि हम खुश हैं कि बेटा चुनाव जीता है।