Khalistani Gurpatwant Singh Pannuun Case: अमेरिका में बैठे खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की साजिश से जुड़े मामले में अमेरिकी न्याय विभाग ने भारतीय मूल के विकास यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके चलते विकास यादव पिछले चार महीने से तिहाड़ जेल में बंद है। इस बीच दिल्ली की एक अदालत ने विकास यादव ने कहा है कि उन्हें कोर्ट में पेशी से छूट दी जाए, क्योंकि उनकी जान को खतरा है। वहीं अदालत ने शनिवार को उन्हें छूट दे दी और 3 फरवरी को पेश होने को कहा है।

बता दें कि पिछले साल नवंबर में अमेरिकी न्याय विभाग के दस्तावेजों में पन्नू की हत्या का साजिशों के मामले में विकास यादव का नाम आया था, और उसे दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ ने अपरहरण और जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया था।

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अमेरिका ने लगाए गंभीर आरोप

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट्स के मुताबिक तिहाड़ जेल में चार महीने के बाद इस साल अप्रैल में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था। रिकॉर्ड्स बताते हैं कि 18 अक्टूबर को FBI के न्यूयॉर्क ऑफिस ने उसे अपनी वॉन्टेड लिस्ट में शामिल कर दिया है। अभियोग में आरोप लगाया गया था कि विकास यादव भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय के पीएमओ में काम करते थे।

विदेश मंत्रालय ने किन आरोपों को किया खारिज

इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि वह व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी ही नहीं था, और अमेरिका का यह दावा पूरी तरह से गलत है। विकास यादव ने अपने वकील आर.के. हांडू के माध्यम से दायर दो पेज के आवेदन में दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है।

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विकास यादव के वकील ने क्या दिए तर्क

विकास यादव के वकील ने दावा किया है कि उनकी जान को खतरा है, क्योंकि उनकी तस्वीरें घर का पता औऱ निजी जानकारी अब पब्लिक हो चुकी है। इसमें उन्होंने कई तस्वीरें भी शेयर की हैं।

उन्होंने दावा किया है कि धमकी के कारण वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए भी मामले की सुनवाई में शामिल नहीं हो सकते क्योंकि इस बात की संभावना है कि उनकी लोकेशन ट्रैक की जा सकती है।

विकास यादव के आवेदन को दिल्ली की एक अदालत द्वारा सूचीबद्ध किया गया और अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया, लेकिन उन्हें 3 फरवरी, 2025 को अगली सुनवाई के लिए उपस्थित होने को कहा।