दिल्ली में अफगानिस्तान से आए सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि भारत सरकार ने उनको सुरक्षित यहां ले आई है, इसके लिए हम उनके आभारी हैं। उन्होंने कहा कि “हमारा खालिस्तान से कोई लेना देना नहीं, हमारे साथ भारत सरकार ने जो मदद की, अफगानिस्तान में हमारे साथ जो लोग फंसे थे, उनको यहां भारत में ले आए। जो सबसे बड़ी बात है जिनको हम मत्था टेकते हैं गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर आए हैं। मान सम्मान से ले आए हैं तो हमारे लिये सब खालसा है। हमारे खालसा तो जहां निशान लगेगा सब खालसा है।” इन अफगान सिख शरणार्थियों से मुलाकात करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार को पश्चिम दिल्ली के महावीर नगर स्थित गुरु अर्जुन देव गुरुद्वारा पहुंचे।

एस. जयशंकर बोले- अफगानी सिख शरणार्थियों की चिंता भारत सरकार को है

इस दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से आने वाले सिखों के भविष्य की चिंता भारत सरकार को है। सरकार उनकी सुरक्षा और उनके हितों के लिए लगातार काम कर रही है। सिख शरणार्थियों की नागरिकता की स्थिति, पासपोर्ट और उनके बच्चों की स्कूली शिक्षा के संबंध में उनकी चिंताओं पर गौर करने का भी वादा किया। जयशंकर ने शरणार्थियों से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनकी चिंताओं को सुनना चाहता था। उन्होंने अपनी समस्याएं बताईं- कुछ लोग वापस जाना चाहते हैं क्योंकि वहां उनकी संपत्ति है। वे वहां गुरुद्वारों को लेकर भी चिंतित हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि उनके पास अफगानिस्तान की यात्रा करने और वापस आने की अनुमति दिए जाने का उचित आधार है और उन्हें बहु या दोहरे, तिहरे- प्रवेश वीजा की अनुमति दी जानी चाहिए। एक और समस्या यह है कि उनकी नागरिकता के मामले को कैसे आगे बढ़ाया जाए क्योंकि कुछ लोग इसका इंतजार कर रहे हैं।’’

मंत्री ने कहा कि उन्हें कुछ ऐसे शरणार्थी मिले, जिन्होंने अपने बच्चों की वजह से भारतीय नागरिकता ले ली, लेकिन बाद में उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होना चाहिए।”

इस दौरान उन्होंने कहा कि उन लोगों को बहु प्रवेश वीजा देने का ‘‘अच्छा आधार’’ बनता है जो अपनी संपत्तियों और गुरुद्वारों की देखभाल के लिए अफगानिस्तान वापस जाना चाहते हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर चलाए जा रहे भाजपा संपर्क अभियान के तहत गुरुवार को पश्चिमी दिल्ली में अफगान सिख शरणार्थियों से मुलाकात की।