जब विभिन्न कंपनियां मांग में कमी की शिकायत कर रही हैं। ऐसे वक्त में खादी और ग्रामीण उद्योग कमीशन (KVIC) की बिक्री में 25% का उछाल आया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में खादी और ग्रामीण उद्योग कमीशन की बिक्री 75,000 करोड़ रुपए के करीब रही। खास बात ये है कि केवीआईसी की बिक्री बढ़ने में इसके पापड़, शहद और कॉस्मेटिक सामानों का सबसे बड़ा हाथ रहा।
केवीआईसी की बिक्री बीते 4 सालों में सबसे तेज रही और इसमें साल 2017-18 के मुकाबले 13% की बढ़ोत्तरी हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, देश की सबसे बड़ी FMCG कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर की बीते साल कुल बिक्री करीब 38,000 करोड़ रुपए की रही। वहीं कंपनी का कुल लाभ इसमें 6000 करोड़ रुपए रहा।
वहीं खादी और ग्रामीण उद्योग कमीशन की बिक्री जहां 74,315 करोड़ रुपए की रही, उसमें फायदा सिर्फ 15 करोड़ रुपए का रहा। कम बिक्री के बावजूद हिन्दुस्तान यूनिलीवर का फायदा खादी और ग्रामीण उद्योग कमीशन से 400 गुना ज्यादा रहा। केवीआईसी की इस कुल बिक्री में खादी की बिक्री सिर्फ 3,215 करोड़ रुपए रही, जो कि पिछले साल के मुकाबले 28% ज्यादा थी।
वहीं ग्रामीण उद्योग की कुल बिक्री 71,100 करोड़ रुपए रही, जिसमें 25% का उछाल आया है। देश की बड़ी कंपनियों के साल 2018-19 में कुल राजस्व की बात करें तो खादी और ग्रामीण उद्योग कमीशन देश की टॉप 25 कंपनियों में शुमार भारती एयरटेल से थोड़ा ही पीछे हैं। भारती एयरटेल की कुल बिक्री इस दौरान 81,000 करोड़ रुपए रही।
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केवीआईसी के चेयरमैन विनाई कुमार सक्सेना ने टीओआई को बताया कि पब्लिक प्राइवेट सेक्टर इंटरप्राइजेज के साथ पार्टनरशिप, आक्रामक मार्केटिंग और मोदी सरकार की ओर से मिले प्रोत्साहन के चलते केवीआईसी की बिक्री में उछाल देखा जा रहा है। बता दें कि साल 2014-15 के मुकाबले केवीआईसी की बिक्री दोगुने से ज्यादा हो गई है। 2014-15 में खादी की बिक्री 33,135 करोड़ रुपए रही थी।
बता दें कि खादी और ग्रामीण उद्योग कमीशन में खादी विभाग में 5 लाख और ग्रामीण उद्योग में 1.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है।