माकपा के गढ़ केरल में इन दिनों भाजपा के बढ़ते प्रभाव की झलक एक बार फिर देखने को मिली है। दरअसल ईसाई बहुलता वाले इस राज्य में ईसाई समुदाय के दो पादरियों और एक डेकॉन ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले पादरियों में ‘जैकबाइट सीरियन चर्च’ के पादरी फादर जीवर्गीज किझाक्केदथ और फादर थॉमस कुलाथुक्कल और एक डेकॉन एंड्रूज मंगलाथ शामिल हैं। बता दें कि डेकॉन चर्च में विभिन्न काम करने वाली समीति के सदस्य होते हैं। इन तीनों लोगों ने केरल की भाजपा ईकाई के अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। एक ईसाई बहुल राज्य में हिंदुत्व विचारधारा वाली पार्टी भाजपा के साथ ईसाई पादरियों का जुड़ना चर्चा का विषय बन गया है।

अहम बात ये है कि भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले इन पादरियों ने पार्टी में शामिल होने से पहले ‘सीरियन जैकेबाइट चर्च के बिशप थॉमस मोर थिमोथियोस’ से बाकायदा इजाजत भी ली है। उल्लेखनीय है कि बिशप ही आगे चलकर जैकेबाइट सीरियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के कैथोलिक बनते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, बिशप थॉमस मोर थिमोथियोस का इस संबंध में कहना है कि “जैकेबाइट चर्च अपने किसी पादरी की राजनैतिक स्वतंत्रता पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाता है, वो लोग किसी भी पार्टी का समर्थन करने के लिए आजाद हैं।”

भाजपा में शामिल होने वाले पादरी कुलाथुक्कल का कहना है कि ‘यह बस शुरुआत है और जल्द ही सैंकड़ों पादरी एक साल के अंदर भाजपा में शामिल हो सकते हैं।’ फादर कुलाथुक्कल ने कहा कि बेहद कम लोग जानते हैं कि मैं साल 1985 में ही भाजपा का सदस्य बन गया था। इस दौरान में पार्टी की कई गतिविधियों में शामिल रहा। हालांकि यहां भाजपा अभी तक बड़ी ताकत नहीं रही थी, लेकिन पिछले एक साल में चीजें काफी बदली हैं। भाजपा नेता उनके संपर्क में थे। वहीं फादर किझाक्केदथ का कहना है कि हम किसी पार्टी को उसकी विचारधारा के कारण सांप्रदायिक नहीं कह सकते। मैंने कभी भी इनमें कुछ गलत नहीं देखा है। फादर किझाक्केदथ ने बताया कि जब वह गुजरात में रहकर पढ़ाई करते थे, तभी से ही वह भाजपा से काफी प्रभावित रहे हैं।