सुन्नी नेता कनथापुरम एपी अबूबकर मुस्लीयर ने शनिवार को विवादित टिप्पणी करते हुए लैंगिक समानता की संकल्पना को गैर इस्लामी बताया और कहा कि महिलाएं कभी पुरुषों के बराबर नहीं हो सकतीं क्योंकि वे केवल बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं।
‘आॅल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा’ के प्रमुख मुस्लीयर ने कहा कि महिलाओं में मानसिक मजबूती और दुनिया को नियंत्रित करने की शक्ति नहीं होती क्योंकि ‘यह पुरुषों के हाथ में होती है’। उन्होंने कोझीकोड में ‘मुसलिम स्टूडेंट्स फेडरेशन’ के एक शिविर में कहा, ‘लैंगिक समानता ऐसी चीज है जो कभी वास्तविकता में तब्दील होने वाली नहीं है।
यह इस्लाम, मानवता के खिलाफ है और बौद्धिक रूप से गलत है’। मुस्लीयर ने कहा, ‘महिलाएं कभी पुरुषों के बराबर नहीं हो सकतीं। वे केवल बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं। महिलाएं संकट की स्थितियों का सामना नहीं कर सकतीं’। उन्होंने पूछा कि क्या हृदय के हजारों सर्जनों में एक भी महिला है। इस इस्लामी शिक्षाविद (76) ने हाल में चुनावों में महिलाओं के आरक्षण के खिलाफ टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षित सीटें ‘बहुत ज्यादा’ हैं लेकिन विवाद खड़ा होने के बाद व२ इससे पलट गए थे। कालेजों में लड़के और लड़कियों के सीटें साझा करने की अनुमति पर जारी बहस के संदर्भ में मुस्लीयर ने कहा कि यह ‘इस्लाम और संस्कृति को खराब करने के सुनियोजित अभियान का हिस्सा है’।