केरल के लोग ओणम त्योहार का आनंद ले रहे हैं। इस दौरान शराब की बिक्री को लेकर चौंकाने वाला खुलसा हुआ है। शनिवार को खत्म हो रहे ओणम उत्सव तक 759 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई है। यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा माना जा रहा है। पिछले साल यह आंकड़ा 700 करोड़ रुपये था। अगस्त में शराब की कुल बिक्री 1,799 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है जो पिछले साल इसी महीने में 1,522 करोड़ रुपये थी। नई रिकॉर्ड बिक्री के साथ राज्य सरकार 675 करोड़ रुपये का फायदा हासिल हुआ है। 

क्यों बढ़ रही है केरल में शराब की बिक्री?

पिछले कुछ सालों में केरल में ओणम, क्रिसमस और नए साल सहित त्योहारों के दौरान शराब की बिक्री बढ़ गई है। FY 2022-23 के लिए शराब, बीयर और वाइन की कुल बिक्री 18,511.92 करोड़ रुपये रही, जो 2021-22 में 14,576.21 करोड़ रुपये थी, और राज्य के खजाने को 16,189.77 करोड़ रुपये मिले, जो 2021 में 12,705.79 करोड़ रुपये थे।

केरल सरकार की हो रही है आलोचना

शराब की बिक्री के इस आंकड़े के सामने आने के बाद शराब की खपत को प्रोत्साहित करने और अधिक आउटलेट खोलने के लिए केरल सरकार की भी आलोचना हो रही है। सरकार को लेकर कहा जा रहा है कि सरकार ने शराब बिक्री पर लगाम की बात कही जा रही है।

इस महीने की शुरुआत में, केरल के मंत्री एमबी राजेश ने विपक्ष की इस आलोचना को खारिज कर दिया था कि शराब और लॉटरी सरकार के मुख्य राजस्व स्रोत थे। यूडीएफ सरकार के दौरान राजस्व आय का 18.1 प्रतिशत उत्पाद शुल्क के कारण था लेकिन पहली पिनाराई सरकार के दौरान यह घटकर 14.5 प्रतिशत हो गया था। शराब की इस बिक्री से सरकार को काफी फायदा हासिल हुआ है। केरल सरकार के आर्थिक हालात इन दिनों बहुत ज़्यादा बेहतर नहीं हैं। इसलिए केरल सरकार ने शराब की बिक्री पर लगे टेक्स से काफी फायदा हासिल किया है।