भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में सीमा पर तनाव जारी है। एक हफ्ते पहले ही चीनी सेना ने गलवान घाटी में भारतीय फौज पर हमला कर दिया था। इसमें कुल 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई थी। कायराना तरीके से किए गए इस हमले को लेकर पूरे देश में चीन के प्रति गुस्सा है। इस समय में केरल के पथनमथिट्टा जिले में एक गांव के इलाके का नाम लोगों के लिए शर्म का मुद्दा बन गया है। दरअसल, यहां कोन्नी गांव के एक कम्युनिस्ट बहुल क्षेत्र को प्रथम प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरु ने चीन जंक्शन कहा था। इसके बाद से ही गांव की पहचान चीनी मुक्कू के नाम से होने लगी। हालांकि, अब गलवान में हुई घटना के बाद अब गांववासियों ने इसका नाम बदलने की ठान ली है।

पथनमथिट्टा जिले की कोन्नी ग्राम पंचायत का कहना है कि उनके एक लोकप्रिय जंक्शन का नाम चीन पर होना ठीक नहीं है। इसलिए इसे बदला जाना चाहिए। पंचायत कमेटी के उपाध्यक्ष प्रवीण प्लाविलई ने कहा है कि चीन ने भारत के साथ युद्ध जैसी स्थिति खड़ी की और हमारे जवानों को मारा। अब हमें यह नाम लेना भी ठीक नहीं लगता। कई लोग इसे बदलने के पक्ष में हैं।

केरल में चुनाव प्रचार के लिए आए थे नेहरू, तब पड़ा था इस जंक्शन का नाम
साल 1952 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चुनाव प्रचार के लिए केरल पहुंचे थे। यहां पथनमथिट्टा जिले वे जीप के जरिए इस गांव के पास से गुजर रहे थे। इसी दौरान पहले प्रधानमंत्री ऐसे इलाके में पहुंचे, जहां सिर्फ लाल झंडे लगे थे। इस कम्युनिस्ट बहुल इलाके को देखते हुए नेहरू ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या यह ‘चीन जंक्शन’ है। उनके यह पूछने के बाद से ही लोग इस जगह को चीनी मुक्कू के नाम से बुलाने लगे।

इस जंक्शन का नाम बदलने के लिए अगर पंचायत प्रस्ताव पास कर भी देता है, तो यह राज्य सरकार के ऊपर होगा कि वह इसकी मंजूरी देती है या नहीं। हालांकि, प्रकाश का कहना है कि वे इसके लिए कलेक्टर और सरकार दोनों के पास जाएंगे। 18 सद्यीय पंचायत कमेटी में भी अभी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ (13 सदस्य) का बहुमत है। वहीं 5 सदस्य एलडीएफ के हैं।