केरल में मम्प्स के मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं। एक ही दिन में इसके 190 मरीज सामने आने से हड़कंप मच गया है। मार्च महीने में ही इसके 2505 मामले सामने आ चुके हैं। केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक पिछले दो महीने में मम्प्स के 11467 मामले सामने आए हैं। यह बीमारी लोगों के इम्यून सिस्टम पर सीधा असर डालती है।

क्या हैं मम्प्स के लक्षण?

इस बीमारी को चिपमंक चीक्स के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में बुखार, सिर दर्द, थकान, शरीर में दर्द, सलावरी ग्लैंड में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी में मरीज के गालों में सूजन आ जाती है। कई बार इस बीमारी के लक्षण सामने नहीं आ पाते हैं। कई बार इसके लक्षण दो से तीन सप्ताह बाद दिखाई देते हैं।

कितना है खतरनाक

बता दें कि मम्प्स एक वायरस पैरामिक्सोवायरस की वजह से फैलता है। इस किसी भी व्यक्ति में पीड़ित के संपर्क में आने से या फिर हवा में वॉटर ड्रॉप्लेट्स के माध्यम से ट्रांसफर हो सकता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बीमारी पैदा कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति मम्प्स का शिकार होता है तो दिमाग में सूजन का भी खतरा पैदा हो सकता है। गंभीर मरीजों में यह पेन्क्रीयाज और टेस्टिकल्स को भी प्रभावित कर सकता है।

कैसे करें बचाव

इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को मास्क और समय-समय पर हाथ धोने की सलाह दी जाती है। बच्चों के लिए इसकी वैक्सीन भी मौजूद है। इसे प्राइवेट सेंटर पर लगवाया जा सकता है। यह बीमारी कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इस बार कोई इस बीमारी की चपेट में आ जाए तो इसका इलाज काफी दिनों तक चलता है। यह एंटीबायोटिक दवाओं से जल्दी ठीक नहीं होता। जानकारों का कहना है कि मम्प्स होने पर एसिड वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।