केरल भर के लोगों ने शुक्रवार को राज्य में नयी फसल की खुशी में ओणम को हर्षोल्लास के साथ मनाया। थिरुवोणम के नाम से जाने जाने वाले इस दस दिवसीय उत्सव के समापन पर छोटे गांवों से लेकर भीड़भाड़ वाले कस्बों तक सुबह-सुबह मंदिरों में काफी भीड़ दिखी। वहीं, केरल के लोगों ने ओणम के सीजन में 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब का सेवन किया।
केरल में ओणम त्योहार के दौरान, केरल राज्य पेय पदार्थ निगम (KSBC) ने त्योहारी सीज़न के दौरान अपने बेवको आउटलेट्स से 826.38 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री दर्ज की। केएसबीसी द्वारा शुक्रवार को साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, ओणम सीज़न के पहले 10 दिनों (25 अगस्त से 4 सितंबर तक) गुरुवार तक शराब की बिक्री पिछले साल ओणम सीज़न की तुलना में 6.38 प्रतिशत अधिक रही। 2024 में इसी अवधि के दौरान, बिक्री 776.82 करोड़ रुपये थी।
पिछले साल ओणम सीजन की तुलना में इस साल शराब की 6.38 प्रतिशत अधिक बिक्री
आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को ओणम से पहले वाले दिन, BEVCO आउटलेट्स ने 137.64 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की जबकि पिछले साल इसी दिन 126.01 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी। इस तरह, 9.23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। आंकड़ों के अनुसार, इसके बाद कोल्लम स्थित कवनद आश्रमम आउटलेट (1.24 करोड़ रुपये) और मलप्पुरम स्थित कुट्टीपला एडप्पल आउटलेट (1.11 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। जिन अन्य आउटलेट्स की बिक्री 1 करोड़ रुपये से अधिक रही, उनमें चालाकुडी (1.07 करोड़ रुपये), इरिंजालकुडा (1.03 करोड़ रुपये) और कुंदारा (1 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
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राज्य में वर्तमान में 278 BEVCO आउटलेट और 155 सेल्फ-सर्विस स्टोर हैं। शुक्रवार को ओणम के दिन पूरे राज्य में BEVCO आउटलेट बंद रहे। KSBC का ओणम बिक्री सत्र शनिवार को समाप्त होगा। 2024 में पूरे ओणम सत्र के दौरान कुल बिक्री 842.07 करोड़ रुपये रही थी। KSBC के अधिकारियों ने बताया कि इस साल ओणम बिक्री 2024 के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है।
क्यों मनाया जाता है ओणम?
कथाओं के अनुसार, ओणम की उत्पत्ति राजा महाबली की वापसी से हुई है जिन्हें उस स्वर्णिम युग के लिए याद किया जाता है जब लोग न्याय और सद्भाव से रहते थे। कथा के अनुसार, महाबली की बढ़ती लोकप्रियता से देवता परेशान हो गए थे और उन्होंने मदद के लिए भगवान विष्णु की ओर रुख किया। विष्णु ने वामन रूप में राजा से दान लिया और उनको पाताल लोक भेज दिया था। लेकिन पाताल लोक जाने से पहले महाबली ने एक वचन लिया था कि उन्हें वर्ष में एक बार थिरुवोणम के दिन अपने लोगों से मिलने की अनुमति दी जाएगी।
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