केरल के पेरुंबवूर से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक निजी फर्म का कर्मचारी जमीन पर रखे कटोरे से पशुओं की तरह पानी पीता दिख रहा है। उसके गले में पट्टा भी बंधा है। यह सब कथित तौर पर उसके मालिकों की सजा का हिस्सा है। वीडियो में कुछ अन्य पुरुषों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता हुआ भी देखा गया है। यह क्रूरता सोशल मीडिया पर वायरल होते ही अधिकारियों की नींद उड़ गई है।
सरकार ने श्रम विभाग को जांच करने को कहा
केरल के श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने मामले का संज्ञान लेते हुए एर्नाकुलम के श्रम विभाग को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि राज्य में श्रमिकों के साथ ऐसा व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है और उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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शुरुआती जानकारी के मुताबिक, यह घटना पेरुंबवूर के अरक्कापडी इलाके की है। जहां यह फर्म स्थित है, वह कथित रूप से घर-घर जाकर सामान बेचने का काम करता है। जांच में पता चला है कि पिछले तीन महीनों से वहां कोई पुरुष कर्मचारी नहीं है, केवल महिलाएं काम कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे सभी कर्मचारियों से बातचीत कर सच्चाई जानने की कोशिश कर रहे हैं।
श्रम विभाग को दिए गए बयान में वीडियो में दिख रहा एक युवक कहता है कि क्लिप एक पूर्व कर्मचारी ने बनाई थी, जो नशे का आदी था और जिसे बाद में नौकरी से निकाल दिया गया था। इस बीच पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक वीडियो से संबंधित कोई औपचारिक शिकायत सामने नहीं आई है।
फर्म पर पहले भी विवाद उठ चुके हैं। इस साल की शुरुआत में एक महिला कर्मचारी ने फ्रेंचाइजी मालिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी हुई थी। एक अन्य कर्मचारी ने भी कार्यस्थल पर प्रताड़ना की शिकायत की थी, जिसे श्रम विभाग से संपर्क करने की सलाह दी गई थी।
अब केरल राज्य युवा आयोग ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और जिला पुलिस प्रमुख से रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस तरह का अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।