केरल में त्रिचूर की वियूर हाई सिक्योरिटी जेल (उच्च सुरक्षा कारागार) में गुरुवार यानी 13 नवंबर 2025 की शाम एक ऐसा पल आया, जिसने पूरे जेल प्रशासन को हिला कर रख दिया। रोजाना की तरह ड्यूटी पर तैनात सहायक कारागार अधिकारी को क्या पता था कि उनका महज एक साधारण निर्देश ‘सेल में लौटो’ किसी जानलेवा हमले की शुरुआत बन जाएगा।

ऊपर की मंजिल पर खड़े दो कैदियों ने अचानक नुकीली टाइलों को हथियार बनाया और अफसर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। कुछ ही सेकंड में जेल की दीवारें चीख-पुकार से भर गईं, अफसर लहूलुहान जमीन पर गिर पड़े और माहौल पूरी तरह बेकाबू हो गया। जेलकर्मियों ने किसी तरह हमला रोककर दोनों को काबू में किया, लेकिन तब तक अफसर की हालत नाजुक हो चुकी थी। इस खौफनाक वारदात ने हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

वियूर हाई सिक्योरिटी जेल में हुई वारदात

पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार 14 नवंबर 2025 को बताया कि त्रिचूर के वियूर स्थित हाई सिक्योरिटी जेल (उच्च सुरक्षा कारागार) में दो कैदियों ने एक जेल अधिकारी पर धारदार टाइलों से वार कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। वियूर पुलिस ने उच्च सुरक्षा जेल में बंद अजरुद्दीन और मनोज नामक कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उच्च सुरक्षा जेल में आतंकवाद के मामलों में शामिल आरोपियों और केरल असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (केएएपीए) के तहत बंदियों को रखा जाता है।

अफसर ने सिर्फ बैरकों में लौटने का कहा था

एफआईआर के अनुसार, यह घटना गुरुवार 13 नवंबर 2025 की शाम लगभग 5:20 बजे हुई जब कोट्टाराकारा के सहायक जेल अधिकारी अभिनव ने जेल की पहली मंजिल पर मौजूद दो कैदियों, अजरुद्दीन और मनोज को अपनी बैरकों (कोठरियों) में लौटने को कहा। एफआईआर के मुताबिक, इस निर्देश से नाराज अजरुद्दीन ने कथित तौर पर अभिनव पर टाइल के एक नुकीले टुकड़े से वार किया, जिससे उसकी छाती और दोनों हाथों में चोटें आईं।

एफआईआर में कहा गया है कि इसके बाद अजरुद्दीन और मनोज दोनों ने अभिनव पर हमला किया और उस पर चाबियों से हमला किया। जब एक अन्य कैदी रेजीकुमार ने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो दोनों ने कथित तौर पर उस पर भी हमला कर दिया। अन्य जेल अधिकारी शीघ्र ही मौके पर पहुंच गए, आरोपियों को काबू में किया और अभिनव तथा रेजीकुमार को अस्पताल पहुंचाया।

जेल अधिकारी को आईं गंभीर चोटें

अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद कैदियों को उनकी कोठरियों में बंद कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द ही औपचारिक रूप से दर्ज की जाएगी, जिसके बाद उन्हें रिमांड कार्यवाही के लिए अदालत में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेल अधिकारी को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।

विय्यूर पुलिस ने अभिनव की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जिसमें 109(1) (हत्या का प्रयास), 117(2) (गंभीर चोट पहुंचाना), 118(1) (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 121(2) (लोक सेवक को स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 132 (लोक सेवक पर हमला) और 296 (अश्लील कृत्य) (समान इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए आपराधिक कृत्यों के लिए) शामिल हैं।